स्त्री 2 में हुई थी अपारशक्ति खुराना के एक्टिंग की तारीफ
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Berlin Review: स्त्री 2 अपारशक्ति खुराना की एक्टिंग की खूब तारीफ हुई थी। अब उनकी एक और नई फिल्म बर्लिन रिलीज हो गई है। जिसमें वो लीड़ रोल में हैं। चलिए आपको बताते हैं फिल्म की कहानी, एक्टिंग और स्क्रीनप्ले सहित रिव्यू…
कैसी है बर्लिन फिल्म की कहानी?
बर्लिन फिल्म की कहानी बेहद दिलचस्प है। जैसे – जैसे कहानी आगे बढ़ती है दिमाग खुलता जाता है। दरअसल, फिल्म की कहानी नब्बे के दशक की है जब दिल्ली में ‘ब्यूरो’ नामक खुफिया एजेंसी के सोवियत डेस्क का हेड जगदीश सोढ़ी (राहुल बोस) एक मूक-बधिर युवक अशोक (इश्वाक सिंह) को एक हत्या और जासूसी के चलते गिरफ्तार कर लेते हैं। मूक बधिर होने के कारण उसकी पूछताछ के लिए पुश्किन वर्मा (अपारशक्ति खुराना) को बुलाया जाता है। पूछताछ में एक के बाद एक खुलासे होते हैं लेकिन उसमें खुद पुश्किन एक षड्यंत्र में फंसा हुआ पाता है। अब वो कैसे निकलेगा क्या होगा, ये सब पूरी फिल्म देखकर ही पता चल पाएगा।
फिल्म का निर्देशन और लेखन
लेखक-निर्देशक अतुल सभरवाल इससे पहले वेब सीरीज ‘जुबली’ में खूब चमके थे। वे ‘मिडनाइट लॉस्ट एंड फाउंड’ और ‘औरंगजेब’ का लेखन-निर्देशन कर चुके हैं। डार्क और इंटेंस ड्रामा उनकी शैली है और ‘बर्लिन’ में भी वे उसी शैली पर कायम रहते हैं। फिल्म का दिलचस्प पहलू है, परत दर परत सस्पेंस का खुलासा होना, हालांकि फिल्म की गति थोड़ी धीमी है, मगर इसका थ्रिलर अंदाज दर्शक को काफी हद तक जोड़े रखता है।
बर्लिन का स्क्रीनप्ले और म्यूजिक
बर्लिन का स्क्रीनप्ले जटिल है, इसलिए आप बीच के सीन मिस नहीं कर सकते, वरना कहानी से आपका कनेक्शन टूट सकता है। बैकग्राउंड म्यूजिक आपका मन फिल्म से जोड़कर रखेगा। क्लाइमैक्स शॉकिंग तो है लेकिन इसे थोड़ा और अच्छा और बड़ा किया जा सकता था।
दमदार एक्टिंग ने फिर दी कहानी को मजबूती
फिल्म की कहानी को और भी मजबूती इसके कलाकारों ने दी है। चाहे वो इश्वाक सिंह का मूक बधिर आरोपी का किरदार हो या फिर उससे पूछताछ करने वाले के रूप में अपारशक्ति की एक्टिंग। राहुल बोस ने भी खुफिया अधिकारी का दमदार रोल निभाया है। कबीर बेदी, दीपक काजी और अनुप्रिया गोयनका ने अपनी छोटी-छोटी भूमिकाओं में लोगों को बांधे रखा है।