बोधगया के विहार पुस्तक का हुआ विमोचन,पुस्तक में है 41 बोधगया के बिहार
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने किया है पुस्तक का संपादन
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली
राज्यसभा सांसद एवं पद्म भूषण सम्मानित सुधा मूर्ति ने कहा कि भारत को सिर्फ बॉलीवुड और सॉफ्टवेयर के लिए नहीं, बल्कि इसकी महान संस्कृति के लिए भी विश्वभर में पहचाना जाना चाहिए। उन्होंने यह विचार दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में बोगनवेलिया आर्ट फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित बोधगया के विहार पुस्तक विमोचन और परिचर्चा कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए।
सुधा मूर्ति ने कहा, “यदि युवा पीढ़ी अपने इतिहास और संस्कृति से परिचित नहीं होगी, तो वह अपने भविष्य का निर्माण नहीं कर सकेगी। बोधगया और बुद्ध की शांति की स्थापना का संदेश आज भी प्रासंगिक है। इस कॉफी टेबल बुक ने बोधगया के 41 बौद्ध विहारों का सुंदर दस्तावेजीकरण किया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती वानथी श्रीनिवासन ने कहा कि बोधगया के विहारों पर किया गया यह कार्य एक बहुत महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने इस कार्य में सहयोग देने के लिए मूर्ति ट्रस्ट की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस तरह की पुस्तकों से भारतीय संस्कृति को बड़े करीब से समझने का अवसर मिलता है।
भारत में संस्कृति के संरक्षण के सशक्त हस्ताक्षर कार्यक्रम के विशेष अतिथि पद्म श्री के के मोहम्मद ने कहा कि एक शानदार फोटोग्राफर होने के साथ-साथ लेखक होने पर भारतीय संस्कृति का और सुंदर तरीके से प्रस्तुतीकरण किया जा सकता है। यह पुस्तक इसकी बेहतरीन कला का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि बोध गया के विहार काफी टेबल पुस्तक एक संग्रहणीय ग्रंथ है।
पुस्तक की लेखिका एवं फोटोग्राफर डॉक्टर कायनात क़ाज़ी ने कहा कि इस कॉफी टेबल बुक में बोधगया स्थित 41 बौद्धविहारों का दस्तावेज़ीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि बोधगया की बिहार दक्षिण एशियाई देशों की विविध संस्कृति के वाहक है। उन्होंने इस कार्य के लिए सहयोग करने पर मूर्ति ट्रस्ट का आभार व्यक्त किया।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. रमा ने अतिथियों का स्वागत किया। पुस्तक के संपादक एवं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के शिक्षक डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने धन्यवाद ज्ञापन किया।संचालन डॉ. प्रभांशु ओझा ने किया। इस अवसर पर बोगनविलिया आर्ट फाऊंडेशन की फाउंडर आलिया रफत शादमा, आदित्य प्रकाश जी, प्रोफेसर सुभाजीत,शाल्वी दत्ता, डॉ स्वाति चौधरी समेत महाविद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।