दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013, 2015 और 2020: एक व्यापक विश्लेषण
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
दिल्ली की राजनीति का हर चुनाव नए रुझानों और दिलचस्प आंकड़ों के साथ सामने आता है। 2013, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों ने न केवल सत्ता संतुलन बदला, बल्कि राजधानी की जनता की प्राथमिकताओं को भी दर्शाया। आइए इन तीनों चुनावों का विस्तृत विश्लेषण करें।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2013
2013 का चुनाव त्रिशंकु विधानसभा के रूप में सामने आया। बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें मिलीं, लेकिन बहुमत से दूर रही। आम आदमी पार्टी (आप) ने पहली बार चुनाव लड़ा और 28 सीटों के साथ राजनीति में नई धारा लाई।
पार्टी | कुल सीट | वोट प्रतिशत (%) |
बीजेपी | 31 | 33.3 |
आप | 28 | 29.7 |
कांग्रेस | 08 | 24.7 |
- मुख्यमंत्री: अरविंद केजरीवाल (49 दिन की सरकार)
- कुल मतदाता: 1,19,32,069
- कुल वोट पड़े: 78,24,223
- वोटिंग टर्नआउट: 65.60%
- कुल सीटें: 70
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015
2015 का चुनाव आम आदमी पार्टी के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। ‘आप’ ने प्रचंड बहुमत के साथ 67 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी मात्र 3 सीटों पर सिमट गई।
पार्टी | कुल सीट | वोट प्रतिशत (%) |
आप | 67 | 54.5 |
बीजेपी | 03 | 32.3 |
- मुख्यमंत्री: अरविंद केजरीवाल
- कुल मतदाता: 1,33,13,295
- कुल वोट पड़े: 89,36,159
- वोटिंग टर्नआउट: 67.12%
- कुल सीटें: 70
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020
2020 में ‘आप’ ने एक बार फिर से जीत की कहानी दोहराई। हालांकि, इस बार सीटें 62 तक सीमित रहीं, लेकिन बीजेपी ने भी 8 सीटों पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।
पार्टी | कुल सीट | वोट प्रतिशत (%) |
आप | 62 | 53.8 |
बीजेपी | 08 | 38.7 |
- मुख्यमंत्री: अरविंद केजरीवाल
- कुल मतदाता: 1.47 करोड़
- कुल वोट पड़े: 92,55,486
- वोटिंग टर्नआउट: 62.59%
- कुल सीटें: 70
एक नजर में चुनावी आंकड़े
वर्ष | मुख्यमंत्री | आप सीटें | बीजेपी सीटें | कुल वोटिंग (%) |
2013 | अरविंद केजरीवाल | 28 | 31 | 65.60 |
2015 | अरविंद केजरीवाल | 67 | 03 | 67.12 |
2020 | अरविंद केजरीवाल | 62 | 08 | 62.59 |
दिल्ली विधानसभा चुनाव: बदलते रुझान
- 2013: त्रिशंकु स्थिति, बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी।
- 2015: आम आदमी पार्टी का वर्चस्व।
- 2020: ‘आप’ का मजबूत आधार, लेकिन सीटों में कमी।