निर्माण गतिविधियां बंद, BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों पर रोक
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति ने एक बार फिर चिंता का विषय बना दिया है। लगातार बढ़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के मद्देनजर, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की उप-समिति ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-III को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया है। यह निर्णय क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में और गिरावट को रोकने के लिए लिया गया है।
वर्तमान वायु गुणवत्ता स्थिति और वृद्धि का रुझान
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी दैनिक बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली का औसत AQI तेजी से ‘गंभीर’ श्रेणी की ओर बढ़ रहा है। आज, दोपहर 1 बजे AQI 366 था, जो 4 बजे तक 379 तक पहुंच गया। आईएमडी और आईआईटीएम के पूर्वानुमान संकेत देते हैं कि आगामी दिनों में मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों, जैसे शांत हवाएं और वायु के ऊर्ध्वाधर मिश्रण में कमी, के कारण AQI ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में रह सकता है।
GRAP स्टेज-III लागू: क्या है विशेषता?
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के स्टेज-III को ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता श्रेणी (AQI 401-450) के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें पहले से लागू स्टेज-I और स्टेज-II के तहत की गई कार्रवाइयों के अतिरिक्त 9-सूत्रीय कार्य योजना को लागू किया गया है। इन उपायों का उद्देश्य प्रदूषण के स्रोतों को नियंत्रित करना और लोगों को वायु प्रदूषण से बचाव के लिए जागरूक करना है।
प्रमुख प्रतिबंध और कार्यान्वयन की योजना
- निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक
- सीमेंट, फ्लाई ऐश, और अन्य धूलजनित सामग्रियों के स्थानांतरण और भंडारण पर रोक।
- सड़क निर्माण और बड़े पैमाने पर मरम्मत कार्य प्रतिबंधित।
- पेंटिंग, वेल्डिंग, और पॉलिशिंग जैसी गतिविधियां भी बंद।
- सीमित निर्माण कार्य केवल राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं, अस्पतालों, स्वच्छता परियोजनाओं, और रक्षा संबंधी कार्यों के लिए अनुमति।
- वाहनों पर प्रतिबंध
- दिल्ली और एनसीआर के जिलों (गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर) में BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों का संचालन प्रतिबंधित।
- आवश्यक सेवाओं और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से अनुकूलित वाहनों को छूट।
- स्टोन क्रशर और खनन गतिविधियां प्रतिबंधित
- पूरे एनसीआर में स्टोन क्रशर और खनन से संबंधित सभी गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध।
- शैक्षिक संस्थानों में ‘हाइब्रिड मोड’ लागू
- कक्षा 5 तक के स्कूलों में भौतिक और ऑनलाइन कक्षाओं के विकल्प को लागू किया जाएगा।
- औद्योगिक गतिविधियों पर सख्ती
- धूल और धुआं फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों की सख्त निगरानी।
- केवल ईंधन के स्वीकृत मानकों का पालन करने वाले उद्योगों को संचालन की अनुमति।
- वाहन पार्किंग और सार्वजनिक परिवहन की निगरानी
- सार्वजनिक परिवहन की उपलब्धता बढ़ाने के निर्देश।
- निजी वाहनों के उपयोग को कम करने के लिए जागरूकता अभियान।
प्रदूषण के नियंत्रण के लिए विशेष निर्देश
सभी संबंधित एजेंसियों, जैसे राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC), को रिवाइज GRAP स्टेज-I और II के तहत उठाए गए कदमों के साथ-साथ स्टेज-III के तहत दिए गए निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है।
उल्लेखनीय उपाय:
- धूल नियंत्रण के लिए सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव।
- वाहनों की नियमित जांच और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर जुर्माना।
- निर्माण स्थलों पर धूलरोधी उपाय, जैसे ग्रीन नेट का उपयोग।
वायु प्रदूषण पर प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग
आईआईटीएम और आईएमडी द्वारा उपलब्ध कराए गए पूर्वानुमानों के आधार पर वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए रणनीतिक कदम उठाए जा रहे हैं। आयोग ने प्रदूषण के स्रोतों की पहचान और नियंत्रण के लिए ड्रोन तकनीक और रियल-टाइम डेटा मॉनिटरिंग पर जोर दिया है।
जनसामान्य के लिए निर्देश और सलाह
- नागरिकों को घर के अंदर रहने और मास्क का उपयोग करने की सलाह।
- सुबह और शाम के समय खुली हवा में व्यायाम से बचने का सुझाव।
- बुजुर्गों, बच्चों और फेफड़ों के रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह।
वायु गुणवत्ता सुधार के लिए दीर्घकालिक योजना की आवश्यकता
हर साल सर्दियों के महीनों में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। पराली जलाने, वाहनों से होने वाले उत्सर्जन, और औद्योगिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाने की आवश्यकता है। केंद्र और राज्य सरकारों को एक संयुक्त रणनीति बनानी होगी।
सरकार और नागरिकों की जिम्मेदारी
सरकार की नीतियों और उपायों का प्रभाव तभी दिखाई देगा, जब नागरिक भी प्रदूषण नियंत्रण में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। निजी वाहन के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग, कचरा न जलाने की आदत, और पेड़-पौधे लगाने जैसे कदम वायु प्रदूषण कम करने में मददगार होंगे।
वर्तमान स्थिति में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए GRAP स्टेज-III का सख्ती से पालन अनिवार्य है। हालांकि, यह समस्या के समाधान का केवल एक चरण है। वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए सरकार, एजेंसियों, और नागरिकों के बीच एक समन्वित प्रयास की आवश्यकता है। ऐसे समय में, जब पर्यावरणीय संकट गंभीर होता जा रहा है, प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देना हम सभी का दायित्व है।