मंत्र जाप से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का होता है संचार
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
श्री गणेश ध्यान मंत्र को प्राचीन ग्रंथों में सभी विघ्नों और बाधाओं का नाश करने वाला प्रभावशाली मंत्र माना गया है। इस मंत्र का जाप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है। यह मंत्र ध्यान के साथ श्री गणेश की कृपा पाने का एक सरल उपाय है।
श्रीराधा उवाच
(1)
खर्वं लम्बोदरं स्थूलं ज्वलन्तं ब्रह्मतेजसा।
गजवक्त्रं वह्निवर्णमेकदन्तमनन्तकम् ॥ 1 ॥
(2)
सिद्धानां योगिनामेव ज्ञानिनां च गुरोर्गुरुम्।
ध्यातं मुनीन्द्रैर्देवेन्द्रैर्ब्रह्मेशशेषसंज्ञकैः ॥ 2 ॥
(3)
सिद्धेन्द्रैर्मुनिभिः सद्धिर्भगवन्तं सनातनम्।
ब्रह्मस्वरूपं परमं मङ्गलं मङ्गलालयम् ॥ 3 ॥
(4)
सर्वविघ्नहरं शान्तं दातारं सर्वसम्पदाम्।
भवाब्धिमायापोतेन कर्णधारं च कर्मिणाम् ॥ 4॥
(5)
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणम्
ध्यायेद् ध्यानात्मकं साध्यं भक्तेशं भक्तवत्सलम् ॥ 5 ॥
इति श्रीब्रह्मवैवर्तपुराणे श्रीकृष्णजन्मखण्डे भगवतीराधाकृतं श्रीगणेशध्यानं सम्पूर्णम् ॥
श्रीराधाजी बोलीं-
जो खर्व (छोटे कदवाले), लम्बोदर, स्थूलकाय, ब्रह्मतेजसे उद्भासित, गजमुख, अग्नितुल्य कान्तिमान्, एकदन्त और अनन्त हैं, जो सिद्धों, योगियों और ज्ञानियोंके गुरुके भी गुरु हैं; ब्रह्मा, शिव और शेष आदि देवेन्द्र, मुनीन्द्र, सिद्धेन्द्र, मुनिगण तथा संतलोग जिनका ध्यान करते हैं; जो ऐश्वर्यशाली, सनातन, ब्रह्मस्वरूप, परम मंगल, मंगलके भण्डार, सम्पूर्ण विघ्नोंको हरनेवाले, शान्त, सम्पूर्ण सम्पत्तियोंके दाता, कर्मयोगियोंके लिये भवसागरमें मायारूपी जहाजके कर्णधारस्वरूप, शरणागत- दीन-दुखीकी रक्षामें तत्पर, ध्यानरूप, साधना करनेयोग्य, भक्तोंके स्वामी और भक्तवत्सल हैं, उन गणेशका ध्यान करना चाहिये ॥ 1-5 ॥
॥ इस प्रकार श्रीब्रह्मवैवर्तपुराणके अन्तर्गत श्रीकृष्णजन्मखण्डमें भगवती राधाकृत श्रीगणेशध्यान सम्पूर्ण हुआ ॥