राजनीति गलियारे की कई खबरें दिलचस्प होती है। नेता किस तरह अखबाराें में छपी खबरों को तवज्जो देते हैं। इन खबरों का कितना असर उनपर पड़ता है और कैसे ये खबरें उनकी जिंदगी को प्रभावित करती हैं। इस सेक्शन में हम सियासी गलियारे की अनसुनी कहानियां लेकर आएंगे। आज बात करेंगे देश के पूर्व गृहमंत्री गोविंद बल्लभ पंत (Govind Ballabh Pant)की। पंत जी जनमत को लेकर बहुत संवेदनशील थे। उनकी दिलचस्पी रहती थी कि अखबारों (Newspaper)में उनके बारे में क्या छपा है। किसी अखबार में अपनी आलोचना छपी देख वो विचलित हो जाते थे। PIB उन्हें खबरों की कटिंग भेजता, वो एक-एक कर सभी खबरें पढ़ते थे। जरुरत पड़ने पर कार्रवाई भी करते। एक बार ‘करंट’ नामक टैबलायड अखबार की एक कतरन उन्होने अधिकारियों को भेजी। उन्हाेने उसपर लिखा कि ‘कृपया बात करें’।

दरअसल, इस खबर में बड़ी हेडलाइंस में छपा था कि सरदार जी ड्यूप्ड(सरदार जी केे साथ धोखा)। खबर के अनुसार राज्यमंत्री तारकेश्वरी सिन्हा ने एक सिख को उसका कोई काम करवानेे के बहानेे धोखा देने वाले अपने मित्र को अपने नाम का इस्तेेमाल करने दिया था। लेकिन पंत जी की दिलचस्पी इस बात में थी कि रिपोर्टर ने तारकेश्वरी सिन्हा का वर्णन करते हुए आधे कपड़े पहने हुए (सेमी क्लैड) क्यों बताया। पंत ने स समय के जनसंपर्क अधिकारी कुलदीप नैयर सेे भी यह पूछा था। उन्होने कहा कि भला कोई स्त्री आधे कपड़ों में लोगों के बीच कैसे जा सकती है। कहीं अखबार का मतलब यह तो नहींकि वे आमतौर पर जिस तरह के कपड़े पहनतीं हैं उनमें वो आधे कपड़ों में ही दिखती हैं। यह कहकर पंत जोर से ठहाका लगा हंसने लगे। सियासी गलियारे की इस कहानी का जिक्र कुलदीप नैयर ने अपनी पुस्तक एक जिंदगी काफी नहीं में भी जिक्र किया है।

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