विकसित राष्ट्र के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में ऐतिहासिक कदम उठाए

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

भारत सरकार ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। राष्ट्रीय क्वांटम मिशन से लेकर बायोई3 नीति 2024 तक, इन प्रयासों का उद्देश्य देश को तकनीकी आत्मनिर्भरता, नवाचार, और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ाना है।

मिशन-संचालित पहल: आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम

‘विकसित भारत’ के लक्ष्य की दिशा में सरकार ने उच्च जोखिम वाले मिशन जैसे राष्ट्रीय क्वांटम मिशन और अंतरविषयक साइबर-भौतिक प्रणाली मिशन शुरू किए हैं। इनका मुख्य उद्देश्य तकनीकी आत्मनिर्भरता प्राप्त करना, आयात पर निर्भरता कम करना और भारत को तकनीकी क्षेत्र में वैश्विक नेता बनाना है।

स्टार्टअप्स और नवाचार: भारत का भविष्य

देश में स्टार्टअप्स और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने कई योजनाएं लागू की हैं।

  • स्टार्टअप्स की संख्या: 2024 में 1,40,000 से अधिक।
  • वैश्विक नवाचार सूचकांक रैंकिंग: 2015 में 81 से बढ़कर 2024 में 39।
    सरकार की भू-स्थानिक नीति 2022, अंतरिक्ष नीति 2023, और बायोई3 नीति 2024 ने नवाचार और उद्यमिता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।

एएनआरएफ: अनुसंधान को नई दिशा

2023 में स्थापित राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ), अनुसंधान और विकास में गेमचेंजर साबित हुआ है। इसका उद्देश्य वैज्ञानिक उपलब्धियों को बढ़ावा देना और उभरती प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नेतृत्व स्थापित करना है। एएनआरएफ ने प्रतिस्पर्धी अनुदान, संसाधन आवंटन, और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर आधारित बहुआयामी हस्तक्षेपों के जरिए अनुसंधान के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाया है।

वैश्विक स्तर पर भारत की उपलब्धियां

सरकार की नीतियों के परिणामस्वरूप, भारत ने वैश्विक मंच पर कई क्षेत्रों में अपनी स्थिति को सुदृढ़ किया है:

  • अनुसंधान प्रकाशनों में तीसरा स्थान (2,07,390 शोध पत्र)।
  • साइंस और इंजीनियरिंग पीएचडी में चौथा स्थान (16,968 डिग्री)।
  • पेटेंट फाइलिंग में छठा स्थान (38,551 निवासी पेटेंट)।
  • अनुसंधान एवं विकास में लिंग भागीदारी 14.3% (2009) से बढ़कर 18.6% (2021)।
2047 का लक्ष्य: वैज्ञानिक और तकनीकी आत्मनिर्भरता

टेक्नोलॉजी पर सचिवों के क्षेत्रीय समूह (SGoS) ने क्वांटम प्रौद्योगिकी, जैव विनिर्माण, और साइबर भौतिक प्रणालियों जैसे क्षेत्रों पर गहन चर्चा की। इन प्रयासों का उद्देश्य भारत को नवाचार-प्रेरित और वैज्ञानिक रूप से उन्नत अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करना है।

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