जानिए ईएमआई का गुणा गणित ताकि बाद में ना पड़े पछताना
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Money Management Tips: आज के दौर में अपनी कार होना एक स्टेटस सिंबल बन चुका है। पहली सैलरी मिलते ही बहुत से युवा सबसे पहले EMI पर कार लेने की प्लानिंग करने लगते हैं। बैंक और फाइनेंस कंपनियां भी बिना ज्यादा दस्तावेजों के आसान लोन दे देती हैं, जिससे यह निर्णय और आसान लगने लगता है। लेकिन यही सुविधा बाद में आपके बजट, मानसिक शांति और भविष्य की योजनाओं पर भारी पड़ सकती है। First Car EMI Regret,
तो सवाल ये उठता है — क्या सच में EMI पर पहली कार लेना समझदारी है?
क्यों पहली कार पर लोन लेना अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं मानी जाती?
सबसे पहली बात — कार एक घटती कीमत वाला एसेट (Depreciating Asset) है। जैसे ही आप नई कार शोरूम से निकालते हैं, उसकी कीमत 15–20% तक गिर जाती है। पांच सालों में यही कार 50% या उससे ज्यादा मूल्य खो देती है। Car Loan Trap, Loan Free First Car
EMI का गणित देखिए:
₹12,000 प्रति माह EMI × 60 महीने = ₹7.2 लाख
ब्याज मिलाकर कुल भुगतान = ₹8.2 से ₹8.5 लाख
और कार की कीमत 5 साल बाद? महज ₹2.8–3 लाख
मतलब साफ है — आप एक ऐसी चीज़ के लिए ज़्यादा पैसे चुका रहे हैं जिसकी वैल्यू लगातार गिर रही है।
सेकंड हैंड या बजट कार से करें स्मार्ट शुरुआत
पहली कार का उद्देश्य यह नहीं होता कि आप दूसरों को इंप्रेस करें, बल्कि आपको गाड़ी चलाने की समझ मिले, मेंटेनेंस का अनुभव हो और खर्चों पर कंट्रोल रहे। इसीलिए सेकंड हैंड या बजट कार से शुरुआत करना एक स्मार्ट डिसीजन है। Budget Car Buying Tips
ड्राइविंग सीखने के लिए परफेक्ट: नई कार को खरोंच लगने का डर नहीं रहेगा।
मेंटेनेंस सस्ता: पुराने मॉडल की सर्विसिंग और पार्ट्स की कीमत कम होती है।
इमोशनल प्रेशर कम: छोटी खामी या दुर्घटना में बड़ा नुकसान नहीं लगता।
इससे आप आने वाले कुछ सालों में अच्छा अनुभव ले सकते हैं और फिर अपनी ड्रीम कार बिना लोन के खरीद सकते हैं।

बिना लोन की शुरुआत = फाइनेंशियल स्वतंत्रता
जब आप EMI से बचते हैं, तो आपकी मासिक आय का बड़ा हिस्सा आपके पास रहता है। आप उस पैसे को SIP, म्यूचुअल फंड्स या इमरजेंसी फंड में निवेश कर सकते हैं। Money Management
इसके फायदे:
तनाव मुक्त जीवन: हर महीने की EMI की चिंता नहीं
भविष्य की तैयारियां आसान: ट्रैवल, शादी या घर जैसी चीजों के लिए बचत कर सकते हैं
क्रेडिट स्कोर बनाना आसान: इसके लिए कार लोन की जरूरत नहीं; क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन से भी क्रेडिट स्कोर बनता है
फाइनेंशियल रियलिटी जो हर युवा को जाननी चाहिए
पहली कार पर ₹7 लाख का लोन लेकर आप 5 साल में ₹8.5 लाख चुका देंगे, और तब तक उसकी कीमत घटकर ₹3 लाख रह जाएगी।
अब सोचिए — क्या ये समझदारी है?
अगर आप वही पैसे निवेश करते, तो 5 साल में आपके पास एक अच्छी खासी रकम होती, जिससे आप नई कार भी खरीद सकते और कोई कर्ज भी न रहता।
EMI पर पहली कार लेना दिखावे के चक्कर में लिया गया वो फैसला है जो लंबे समय तक आपकी फाइनेंशियल हेल्थ बिगाड़ सकता है।
“अपना मॉडल डाउनग्रेड करें, लेकिन मानसिक शांति नहीं!”
अगर आप वाकई में फाइनेंशियली स्ट्रॉन्ग बनना चाहते हैं, तो सेकंड हैंड या बजट कार से शुरुआत करें और EMI के जाल से दूर रहें।
सवाल-जवाब (Q&A)
Q1: क्या EMI पर पहली कार लेना गलत है?
A: हां, क्योंकि इससे आपकी वित्तीय आज़ादी और भविष्य की योजनाएं प्रभावित होती हैं। कार एक घटती कीमत वाला एसेट है, जिससे लोन पर खरीदना घाटे का सौदा बन जाता है।
Q2: सेकंड हैंड कार में क्या फायदे हैं?
A: कम कीमत, सस्ती मेंटेनेंस, सीखने का मौका और अपग्रेड की सुविधा — ये फायदे पहली बार कार लेने वालों के लिए आदर्श बनाते हैं।
Q3: बिना EMI के क्रेडिट स्कोर कैसे बनाएं?
A: आप क्रेडिट कार्ड का समझदारी से इस्तेमाल करें, समय पर बिल चुकाएं। साथ ही, छोटी पर्सनल लोन लेकर भी स्कोर बेहतर किया जा सकता है।
Q4: क्या कार निवेश है?
A: नहीं, कार एक उपभोग की वस्तु है, जिसकी कीमत समय के साथ घटती है। इसे निवेश मानना बड़ी भूल है।
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