DU नॉर्थ कैंपस में हर दिन जाम क्यों? छात्रों की नई रिसर्च का बड़ा खुलासा, जाम से बचने का ये है सीधा रास्ता!
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के नॉर्थ कैंपस में हर दिन जाम का सामना करना आम बात है। क्लास शुरू होने या खत्म होने के समय, कैंपस की सड़कें वाहनों, पैदल चलने वालों और टू-व्हीलर्स की भीड़ से भर जाती हैं। छात्रों और शिक्षकों के लिए यह समस्या किसी सिरदर्द से कम नहीं है। अब, इसी समस्या पर DU के छात्रों ने एक नई रिसर्च की है। Cluster Innovation Centre के सिद्धार्थ महाजन और हर्ष राज ने डॉ. सोनम तंवर के मार्गदर्शन में नॉर्थ कैंपस ट्रैफिक की जटिलताओं को समझने के लिए सतत समय मॉडल (Continuous Time Models) का उपयोग किया है। यह ताज़ा वैज्ञानिक रिपोर्ट बताती है कि जाम के असली कारण क्या हैं और कैसे छोटे बदलावों से भी इस बड़ी समस्या को खत्म किया जा सकता है।
UXSim सिमुलेशन में कैद हुई दिल्ली यूनिवर्सिटी जाम की कहानी
इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने UXSim सिमुलेशन का उपयोग किया, जिसे फील्ड ऑब्जर्वेशन के साथ कैलिब्रेट किया गया था। यानी छात्रों ने पहले मौके पर जाकर ट्रैफिक को देखा, फिर उसकी मैपिंग UXSim सिमुलेशन में की। इस क्रॉस-सेक्शनल अध्ययन का उद्देश्य सिर्फ समस्या की पहचान करना नहीं था, बल्कि यह देखना भी था कि पारंपरिक ट्रैफिक मैनेजमेंट के उपाय कितने प्रभावी हो सकते हैं।
ये हैं कैंपस के सबसे बड़े ट्रैफिक हॉटस्पॉट
रिसर्च ने नॉर्थ कैंपस ट्रैफिक के क्रिटिकल हॉटस्पॉट्स की पहचान की है जहां सबसे ज़्यादा ट्रैफिक कंजेशन देखने को मिलता है। इन जगहों में शामिल हैं:
- रामजस-सेंट स्टीफेंस इंटरसेक्शन (Ramjas-St. Stephen’s intersection)
- जीटीबी रोड ब्रिज (GTB Road Bridge)
- मॉल रोड इंटरसेक्शन (Mall Road intersection)
इन भीड़-भाड़ वाले शहरी क्षेत्र में, रिपोर्ट के अनुसार, जाम का कारण वाहनों की संख्या से ज़्यादा सिग्नल टाइमिंग और इंटरसेक्शन का पुराना और अव्यवस्थित लेआउट है।
सिग्नल टाइमिंग को करें ऑप्टिमाइज़
शोधकर्ताओं ने अपने UXSim सिमुलेशन के परिणामों के आधार पर कुछ आसान और प्रभावी उपाय सुझाए हैं जिन्हें शॉर्ट-टर्म हस्तक्षेप (Short-Term Interventions) कहा जा सकता है।
- सिग्नल टाइमिंग में बदलाव: शोध का सबसे बड़ा निष्कर्ष यह है कि केवल प्रमुख चौराहों पर सिग्नल टाइमिंग में समझदारी भरा बदलाव करके ट्रैफिक कंजेशन को तुरंत कम किया जा सकता है। रामजस-सेंट स्टीफेंस इंटरसेक्शन जैसे हॉटस्पॉट पर ट्रैफिक के पीक आवर्स को ध्यान में रखते हुए सिग्नलों के हरे और लाल होने का समय बदलना।
- इंटरसेक्शन का मामूली पुनर्गठन: कुछ चौराहों के लेआउट में छोटे, मोडेस्ट (modest) री-कॉन्फ़िगरेशन करने से भी यातायात प्रवाह में बड़ी तेजी देखने को मिली। उदाहरण के लिए, वाहनों के मोड़ने या पैदल चलने वालों के लिए क्रॉसिंग की जगह को थोड़ा एडजस्ट करना।
- कम लागत, बड़ा फायदा: यह नई रिसर्च उन स्थानीय अधिकारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो अक्सर महंगे और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर ध्यान देते हैं। सिमुलेशन ने साबित किया कि बड़े खर्च के बिना, केवल ट्रैफिक मैनेजमेंट के स्मार्ट तरीकों को अपनाना ज़्यादा प्रभावी और कम समय में परिणाम देने वाला हो सकता है।
शोध के Verified Info के अनुसार, इन छोटे बदलावों को लागू करने के बाद, सिमुलेटेड दिल्ली यूनिवर्सिटी जाम की स्थिति काफी बेहतर हो गई और Delay (देरी) में कमी आई। यह अध्ययन भविष्य के लिए अनुकूली नियंत्रण रणनीतियों (Adaptive Control Strategies) के लिए एक आधार रेखा (Baseline) भी प्रदान करता है।
DU के छात्रों द्वारा किया गया यह ताज़ा वैज्ञानिक रिपोर्ट हमें बताता है कि नॉर्थ कैंपस ट्रैफिक कोई लाइलाज समस्या नहीं है। ट्रैफिक कंजेशन को कम करने के लिए ज़रूरी नहीं कि बड़े निर्माण कार्य किए जाएं। सिग्नल टाइमिंग में समझदारी भरा बदलाव और चौराहों का सही प्रबंधन ही दिल्ली यूनिवर्सिटी जाम से निपटने का सबसे कारगर तरीका है। यह अध्ययन स्थानीय ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए एक गेमचेंजर साबित हो सकता है और शहर के अन्य जाम वाले हिस्सों के लिए भी एक मिसाल कायम कर सकता है।
Q&A Section
Q1: नॉर्थ कैंपस ट्रैफिक जाम का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर: शोध के अनुसार, मुख्य कारण वाहनों की अत्यधिक संख्या नहीं, बल्कि कुछ प्रमुख इंटरसेक्शन पर सिग्नल टाइमिंग का अव्यवस्थित होना और मौजूदा ट्रैफिक मैनेजमेंट की कमी है।
Q2: इस शोध में ट्रैफिक का विश्लेषण कैसे किया गया?
उत्तर: विश्लेषण के लिए UXSim सिमुलेशन नामक टूल का उपयोग किया गया, जिसने सतत समय मॉडल (Continuous Time Models) का उपयोग करके कैंपस में वाहनों की आवाजाही को मॉडल किया और फील्ड ऑब्जर्वेशन से इसे कैलिब्रेट किया गया।
Q3: जाम कम करने के लिए छात्रों ने कौन से समाधान सुझाए हैं?
उत्तर: उन्होंने मुख्य रूप से सिग्नल टाइमिंग को ऑप्टिमाइज़ करने और कुछ चौराहों के लेआउट में मामूली बदलाव जैसे शॉर्ट-टर्म हस्तक्षेप सुझाए हैं।
Q4: क्या यह तरीका अन्य भीड़-भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में भी काम कर सकता है?
उत्तर: हाँ, शोधकर्ता मानते हैं कि UXSim सिमुलेशन और सतत समय मॉडल का उपयोग करके ट्रैफिक मैनेजमेंट की रणनीतियों को अन्य भीड़-भाड़ वाले शहरी क्षेत्र में भी लागू किया जा सकता है।
Q5: दिल्ली यूनिवर्सिटी जाम की समस्या किन लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है?
उत्तर: यह समस्या मुख्य रूप से मोटर वाहनों, टू-व्हीलर्स और पैदल चलने वाले छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को प्रभावित करती है, खासकर क्लास शुरू होने या खत्म होने के समय।
- Delhi University के नार्थ कैंपस में क्यों लगता है हर रोज जाम? छात्रों की नई रिसर्च का बड़ा खुलासा।
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