विवाह से लेकर युद्ध तक हर कार्य में श्रीगणेश के द्वादश नामों का स्मरण लाएगा सफलता

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

श्रीगणेशद्वादश नाम स्तोत्रम्: भारतीय संस्कृति में श्री गणेश का विशेष महत्व है। उनके बारह पावन नामों को लेकर “गणेशद्वादशनाम स्तोत्र” का पाठ जीवन के विभिन्न कार्यों में सफलता प्रदान करता है। विद्यारंभ, विवाह, गृहप्रवेश, यात्रा, संकट, और संग्राम जैसे महत्वपूर्ण अवसरों पर इस स्तोत्र के पाठ से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं। जानिए इस पावन स्तोत्र का महत्व और लाभ।

सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णकः।

लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायकः॥ 1

धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजाननः।

द्वादशैतानि नामानि यः पठेच्छृणुयादपि॥ 2

विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा।

संग्रामे सङ्कटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते ॥ 3 ॥

॥ इति श्रीगणेशद्वादशनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

सुमुख, एकदन्त, कपिल, गजकर्ण, लम्बोदर, विकट, विघ्ननाशक, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचन्द्र और गजानन-ये गणेशजी के बारह नाम हैं।

जो मनुष्य विद्यारम्भ, विवाह, गृहप्रवेश, यात्रा, संग्राम (युद्ध) तथा संकट के अवसर पर इन नामों का पाठ अथवा श्रवण करता है, उसके कार्यमें विघ्न उत्त्पन्न नहीं होता है॥

इस प्रकार श्रीगणेशद्वादशनामस्तोत्र सम्पूर्ण हुआ।

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