सड़क परिवहन मंत्रालय ने कुल 18.24 करोड़ रुपये का चालान किया जारी

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने कुल 18.24 करोड़ ई-चालान जारी किए, जिससे 1.26 लाख करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। ई-चालान प्रणाली के प्रभावी उपयोग ने न केवल यातायात नियमों के उल्लंघन पर नियंत्रण पाया, बल्कि सरकार के राजस्व संग्रह में भी महत्वपूर्ण वृद्धि की है।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में पिछले पांच वर्षों में जारी किए गए ई-चालान के आंकड़े प्रस्तुत किए। 1 अप्रैल, 2012 से प्रभावी इस प्रणाली ने राज्यवार यातायात नियमों के उल्लंघन पर आधारित चालान जारी किए।

राज्यवार आंकड़े:

देशभर में ई-चालान प्रणाली के अंतर्गत विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 18.24 करोड़ चालान जारी किए गए, जिनसे 1,26,319.71 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हुआ। इस दौरान उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्य सबसे अग्रणी रहे।

टॉप 10 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश:

क्र.सं.राज्य/संघ राज्य क्षेत्रचालान की संख्याराजस्व संग्रह (रुपये में)
1उत्तर प्रदेश4,40,03,15024,95,18,72,926
2तमिलनाडु5,57,62,9167,55,58,16,274
3केरल1,88,35,7386,90,92,02,912
4हरियाणा1,03,90,66514,65,17,51,846
5दिल्ली90,22,7115,71,43,38,802
6राजस्थान58,55,67813,93,47,99,915
7ओडिशा54,11,5115,00,06,47,690
8बिहार43,41,21914,03,85,98,368
9हिमाचल प्रदेश36,06,7363,81,74,53,286
10पश्चिम बंगाल33,44,8573,18,46,88,520

राजस्व संग्रह में वृद्धि:

ई-चालान से अर्जित होने वाला राजस्व विभिन्न राज्यों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। उत्तर प्रदेश ने 4.4 करोड़ चालान जारी कर 24,951.87 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जबकि तमिलनाडु में 5.57 करोड़ चालान से 7,555.81 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।

इसके अलावा, हरियाणा, दिल्ली, और राजस्थान जैसे राज्यों ने भी इस प्रणाली से महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिनका राजस्व संग्रह क्रमशः 14,651.75 करोड़ रुपये, 5,714.34 करोड़ रुपये, और 13,934.79 करोड़ रुपये रहा।

छोटे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश:

गोवा, पांडिचेरी, और लद्दाख जैसे छोटे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी ई-चालान प्रणाली का हिस्सा बने, जहां गोवा ने 25.86 लाख चालान जारी कर 78.31 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया।

ई-चालान प्रणाली ने न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर अंकुश लगाया है, बल्कि इसके माध्यम से सरकार को पारदर्शी और डिजिटल तरीके से राजस्व संग्रह करने का मौका भी मिला है।

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