सोशल मीडिया में अली खान को लेकर कई तरह की बातें लोग कर रहे हैं साझा
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Ali Khan Mahmudabad: राजनीति विज्ञान पढ़ाने वाला प्रोफेसर अगर इतिहास को सिर्फ किताबों में नहीं, बल्कि अपने जेहन में लेकर चलता हो, तो विवाद होना तय है।
Ali Khan Mahmudabad, Ashoka University में पढ़ाते हैं, लेकिन इन दिनों चर्चा में हैं एक विवादित टिप्पणी को लेकर। क्या है इनका Operation Sindoor पर दिया गया बयान? आखिर क्यों पुलिस ने इन्हें किया गिरफ्तार, पढ़िए सब कुछ?
Operation Sindoor पर टिप्पणी से हुआ विवाद
6-7 मई 2025 की रात भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और POK में घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया। इसे ‘Operation Sindoor’ नाम दिया गया। ये जवाब था 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले का, जिसमें 26 जवान शहीद हुए थे।
लेकिन प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने इस पर सोशल मीडिया पर लिखा —
“This kind of theatre needs to be matched with ground reality. Otherwise, it’s just hypocrisy.”
नतीजा
हरियाणा बीजेपी युवा मोर्चा नेता योगेश जठेरी की शिकायत पर अली को BNS की धाराओं में गिरफ्तार किया गया —
- विद्रोह भड़काने का आरोप
- धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश
- सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास
Professor से Politician तक: अली खान का सफरनामा
पद: Associate Professor & Head, Political Science Dept., Ashoka University
जन्म: 2 दिसंबर 1982
शिक्षा:
- लखनऊ से स्कूली पढ़ाई
- विनचेस्टर कॉलेज, इंग्लैंड (2001)
- पीएचडी: कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, UK

राजनीति में भूमिका:
- समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता (2019–2022)
- अखिलेश यादव के करीबी
- विवाह: J&K के पूर्व वित्त मंत्री हसीब द्राबू की बेटी से
“राजा साहब महमूदाबाद” के बेटे
अली के पिता आमिर मोहम्मद खान को लोग “राजा साहब महमूदाबाद” के नाम से जानते हैं।
इनका नाम शत्रु संपत्ति केस में लंबे समय तक चर्चा में रहा।
2005 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि उनकी जब्त की गई संपत्तियाँ उन्हें लौटाई जाएं।
मुख्य संपत्तियां
- बटलर पैलेस, लखनऊ
- हजरतगंज और हलवासिया बाजार
- महमूदाबाद किला
- संपत्ति फैली: लखनऊ, सीतापुर, नैनीताल
- अनुमानित मूल्य: हजारों करोड़
मां रानी विजय, पूर्व विदेश सचिव जगत सिंह मेहता की बेटी हैं — जिन्हें पद्म भूषण भी मिल चुका है।
Jinnah से नाता: इतिहास का एक कड़वा अध्याय
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अली खान महमूदाबाद के दादा भारत के बंटवारे से पहले मुस्लिम लीग के कोषाध्यक्ष थे।
वो जिन्ना के खास माने जाते थे और उन्होंने पार्टी को भारी आर्थिक मदद दी थी।
Historical facts
- मुस्लिम लीग की स्थापना: 30 दिसंबर 1906
- मकसद: भारत का धर्म के आधार पर विभाजन
- 1957 में महमूदाबाद के राजा पाकिस्तान चले गए
- उनकी पत्नी और बेटा भारत में ही रहे
- 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद संपत्ति जब्त कर ली गई
क्या कहते हैं जानकार और सोशल मीडिया यूज़र्स?
आलोचक कहते हैं:
- देशद्रोही बयान
- प्रोफेसर होकर ऐसी राय, यह शिक्षण संस्थान की गरिमा गिराता है
समर्थक कहते हैं
- फ्री स्पीच का मामला
- गिरफ्तारी तानाशाही रवैया दर्शाती है
Ashoka University ने अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।
Info Box: Operation Sindoor एक नजर में
| तारीख | 6-7 मई 2025 |
| स्थान | पाकिस्तान और पीओके |
| उद्देश्य | 22 अप्रैल के आतंकी हमले का बदला |
| परिणाम | 9 आतंकी ठिकाने तबाह |
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