2014 में घटित एक घटना ने बदल दी डॉ परीजा की जिंदगी
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Amrit Dhara: कैंसर जैसी घातक बीमारी से जूझ रहे मरीजों और उनके परिवारों की पीड़ा को समझते हुए भुवनेश्वर की एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ. मामी परीजा ने ‘अमृत धारा’ नाम की एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। इस पहल के जरिए डॉ. परीजा ने अब तक 800 से अधिक परिवारों की मदद की है और उन्हें न केवल चिकित्सा सहायता बल्कि मानसिक और सामाजिक समर्थन भी प्रदान किया है।
एक पहल जो बदल रही है जिंदगियां
डॉ. परीजा की यह पहल पिछले 10 सालों से कैंसर के मरीजों और उनके परिवारों की मदद कर रही है। यह पहल खासतौर पर ओडिशा और भुवनेश्वर के क्षेत्रों में सक्रिय है, और यहां कैंसर मरीजों को पैलिएटिव केयर (Palliative Care) की सुविधा दी जाती है। इस केयर का उद्देश्य मरीजों को उनके अंतिम समय में शारीरिक, मानसिक और सामाजिक सहायता प्रदान करना है, ताकि उनका दर्द कम हो सके और उन्हें शांति मिल सके।
2014 में मिली प्रेरणा, 2019 में हुई शुरुआत
डॉ. परीजा को ‘अमृत धारा’ शुरू करने की प्रेरणा 2014 में एक घटना से मिली। उस समय, एक 34 वर्षीय महिला को ओवेरियन कैंसर से जूझते हुए देखा। महिला की स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने से मना कर दिया और कुछ महीनों बाद महिला की मौत हो गई। इस घटना ने डॉ. परीजा को गहरे तक प्रभावित किया और उन्होंने फैसला किया कि कैंसर के मरीजों के लिए कुछ किया जाना चाहिए। 2019 में, इस प्रेरणा से ‘अमृत धारा’ की शुरुआत हुई। डॉ. परीजा ने मरीजों को न केवल शारीरिक उपचार बल्कि मानसिक समर्थन, पेन मैनेजमेंट और परिवारों को काउंसलिंग जैसी सेवाएं भी मुफ्त में देने का संकल्प लिया।
अमृत धारा के दो केंद्र: पाटिया और कलिंगा नगर
‘अमृत धारा’ के दो प्रमुख केंद्र भुवनेश्वर के पाटिया और कलिंगा नगर में स्थित हैं, जहां कैंसर के मरीजों को दर्द निवारण, उल्टी, सांस की दिक्कत, और घावों की ड्रेसिंग जैसी सेवाएं प्रदान की जाती हैं। यहां एक फार्मेसी भी है, जहां मरीजों को मॉर्फिन जैसी दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं। इसके अलावा, अमृत धारा की टीम उन मरीजों के लिए भी सेवाएं देती है जो अस्पताल तक नहीं पहुंच सकते। यह टीम मरीजों के घर जाकर उन्हें उपचार और मानसिक समर्थन प्रदान करती है।
पैलिएटिव केयर की अहमियत
डॉ. परीजा के मुताबिक, कैंसर की देखभाल में पैलिएटिव केयर को जल्दी से जल्दी शामिल करना जरूरी है, लेकिन अक्सर इसे देर से शुरू किया जाता है। उनका मानना है कि पैलिएटिव केयर केवल मौत से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर चरण में आराम और सहायता प्रदान करता है।
परिवार और दोस्तों की मदद से चल रही है पहल
‘अमृत धारा’ को पूरी तरह से डॉ. परीजा के परिवार और दोस्तों की मदद से चलाया जा रहा है। इसके लिए किसी बाहरी फंडिंग का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। एक दोस्त ने इस पहल के लिए स्थान दान किया है।
‘अमृत धारा’ डॉ. परीजा की मानवता की मिसाल है, जो कैंसर मरीजों और उनके परिवारों के लिए एक नई उम्मीद बन चुकी है। इस पहल के माध्यम से, वे उन लोगों की जिंदगी में राहत और मदद का हाथ बढ़ा रही हैं, जो इस कठिन बीमारी से जूझ रहे हैं।