एनपीए में 78% की कमी, वित्तीय समावेशन योजनाओं का विस्तार और कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी नीतियों से बैंकों का प्रदर्शन बेहतर
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
NPA: भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक RBI) की मजबूत नीतियों और सुधारात्मक कदमों ने बैंकिंग क्षेत्र में व्यापक बदलाव लाए हैं। सरकारी बैंकों के प्रदर्शन में ऐतिहासिक सुधार हुआ है, जिससे मुनाफे में वृद्धि और एनपीए में भारी गिरावट दर्ज की गई है। साथ ही, सरकार की 4R रणनीति और वित्तीय समावेशन योजनाओं ने देश के सबसे दूरस्थ क्षेत्रों तक वित्तीय सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित की है।
सरकारी नीतियों से एनपीए में बड़ी गिरावट
बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां एनपीए) भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती रही हैं। सरकार की 4R रणनीति – पहचान Recognition), समाधान Resolution), वसूली Recovery), और सुधार Reforms) – ने एनपीए में भारी कमी सुनिश्चित की है।
- एनपीए में ऐतिहासिक गिरावट:
मार्च 2018 में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए अनुपात 14.58% था, जो सितंबर 2024 तक घटकर 3.12% रह गया। - ऋण वसूली में वृद्धि:
ऋण समाधान के तहत बैंकों ने 2024 तक लगभग 10 लाख करोड़ रुपये की वसूली की है। - मजबूत पूंजी आधार:
सरकारी बैंकों का पूंजी पर्याप्तता अनुपात सीआरएआर) मार्च 2015 के 11.45% से बढ़कर सितंबर 2024 में 15.43% हो गया है।
बैंकों की आय में रिकॉर्ड वृद्धि
सरकार की नीतियों ने न केवल एनपीए को कम किया, बल्कि बैंकों की आय में भी ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है।
- वित्त वर्ष 2023-24 में सार्वजनिक बैंकों ने 1.41 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया।
- यह लाभ वित्त वर्ष 2014-15 के 36,000 करोड़ रुपये के मुकाबले चार गुना अधिक है।
- इससे भारतीय बैंकिंग प्रणाली में निवेशकों और ग्राहकों का विश्वास बढ़ा है।
वित्तीय समावेशन का विस्तार
सरकार की जनधन योजना, मुद्रा योजना, और पीएम-स्वनिधि जैसी पहलें वित्तीय समावेशन को नए स्तर पर ले गई हैं।
- जनधन योजना:
अब तक 54 करोड़ जनधन खाते खोले गए हैं, जिनमें से 56% खाते महिलाओं के हैं। - मुद्रा योजना का प्रभाव:
24 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया गया, जिसमें 68% लाभार्थी महिलाएं हैं। - पीएम-स्वनिधि योजना:
रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं को अब तक 45 लाख से अधिक ऋण प्रदान किए गए।
एमएसएमई और कृषि क्षेत्र को मजबूती
सरकार की ऋण योजनाओं ने एमएसएमई और कृषि क्षेत्र में नई ऊर्जा भरी है।
- एमएसएमई ऋण:
पिछले 3 वर्षों में एमएसएमई को दिए गए ऋण में 15% की वार्षिक वृद्धि हुई है। - कृषि ऋण और केसीसी योजना:
सितंबर 2024 तक 7.71 करोड़ किसानों को 9.88 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण प्रदान किया गया।
कर्मचारियों के लिए कल्याणकारी नीतियां
सरकार ने बैंक कर्मचारियों के लिए कई सुधार लागू किए हैं।
- स्थानांतरण में सुधार:
महिला कर्मचारियों को उनके गृह क्षेत्र में तैनात करने की प्राथमिकता दी गई। - वेतन वृद्धि और सुविधाएं:
12वें द्विपक्षीय समझौते BPS) के तहत वेतन में 17% की वृद्धि हुई। - विशेष अवकाश:
महिलाओं और वरिष्ठ कर्मचारियों के लिए विशेष अवकाश की सुविधा प्रदान की गई।
ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार
देश के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों तक बैंकिंग सेवाओं को पहुंचाने के लिए सरकार ने बैंकों की शाखाओं और डिजिटल बैंकिंग का विस्तार किया है।
- मार्च 2014 में बैंक शाखाओं की संख्या 1,17,990 थी, जो सितंबर 2024 तक बढ़कर 1,60,501 हो गई।
- डिजिटल बैंकिंग के लिए 70% ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट बैंकिंग और यूपीआई को सुलभ बनाया गया।
भविष्य के लक्ष्य
सरकार का लक्ष्य है कि अगले 5 वर्षों में सार्वजनिक बैंकों को पूरी तरह डिजिटल बनाया जाए। इसके अलावा, बैंकिंग सेवाओं को और अधिक पारदर्शी और ग्राहकों के अनुकूल बनाने के लिए नई योजनाओं की घोषणा की जाएगी।