heated grips
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खुद लगाएं हीटेड ग्रिप्सऔर महसूस करें हाथों में गर्मी का अहसास

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

heated grips हीटेड ग्रिप्स: नमस्ते राइडर्स! क्या आप भी उन लाखों भारतीय बाइकर्स में से हैं, जिनकी सुबह या रात की राइड (Ride) सर्दियों में ठंड से हाथ जमने के कारण दर्दनाक बन जाती है? महंगे, वॉटरप्रूफ दस्ताने भी कभी-कभी ठंडी हवा के आगे हार मान जाते हैं। लेकिन, अब आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।

पेश है एक ऐसा सस्ता, प्रभावी और सुरक्षित जुगाड़ जो आपकी पुरानी बाइक या स्कूटर को ‘ऑल-वेदर’ (All-Weather) मशीन में बदल सकता है—जी हाँ, हम बात कर रहे हैं हीटेड ग्रिप्स (Heated Grips) की।

यह उच्च-गुणवत्ता, ओरिजिनल और इन्फॉर्मेटिव लेख आपको बताएगा कि कैसे आप सिर्फ ₹1500 के शुरुआती बजट में यह सस्ता हीटिंग जुगाड़ अपनी पुरानी गाड़ी में लगवा सकते हैं। यह न सिर्फ आपके हाथों को गर्म रखेगा, बल्कि आपकी राइडिंग की सुरक्षा और आनंद को भी कई गुना बढ़ा देगा।

₹1500 केहीटेड ग्रिप्सजुगाड़ को समझें

हीटेड ग्रिप्स मूल रूप से एक साधारण हीटिंग पैड सिस्टम है जो आपकी बाइक या स्कूटर के हैंडलबार ग्रिप्स के अंदर फिट किया जाता है। ये बिजली से चलते हैं और नियंत्रित (Controlled) गर्मी पैदा करते हैं।

सस्ता जुगाड़ (The Low-Cost Factor)

  • ₹1500 की लागत उच्च-ब्रांडेड (Premium Branded) ग्रिप्स के बजाय, स्थानीय बाज़ार या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध उच्च-रेटेड OEM (Original Equipment Manufacturer) या आफ्टरमार्केट हीटिंग पैड किट्स के कारण संभव है।
  • इन किट्स में आमतौर पर हीटिंग पैड, तारों का सेट, फ्यूज और एक तापमान कंट्रोल स्विच (Temperature Control Switch) शामिल होता है।
  • अधिकांश भारतीय बाइकर DIY (खुद करो) तकनीक का इस्तेमाल करके या लोकल मैकेनिक से कम मजदूरी में इसे लगवाकर इंस्टॉलेशन कॉस्ट को कम कर लेते हैं।

हीटेड ग्रिप्स के सुरक्षा और आराम से जुड़े फायदे

  • हाथों का आराम: लगातार गर्मी मिलने से हाथ सुन्न नहीं होते, जिससे लंबी राइड्स आसान हो जाती हैं।
  • सुरक्षा में सुधार: हाथ गर्म रहने से ब्रेक और क्लच पर पकड़ मजबूत बनी रहती है, जो ठंडे हाथों से असंभव हो जाता है।
  • दस्तानों की जरूरत कम: आपको बहुत मोटे और भारी-भरकम दस्ताने पहनने की जरूरत नहीं होती।

DIY ‘हीटेड ग्रिप्सइंस्टॉलेशन गाइड: स्टेप-बाय-स्टेप

डिस्क्लेमर: यदि आप इलेक्ट्रिकल वायरिंग से परिचित नहीं हैं, तो सुरक्षा के लिए किसी पेशेवर मैकेनिक की मदद लें।

ज़रूरी सामान

  • हीटेड ग्रिप्स किट (₹800 – ₹1500)
  • तार काटने/जोड़ने का टूल (Wire Cutter/Stripper)
  • इलेक्ट्रिकल टेप (Insulation Tape)
  • स्क्रूड्राइवर
  • फ्यूज (सुरक्षा के लिए)

इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया

  1. पुरानी ग्रिप्स हटाना: पुरानी रबर ग्रिप्स को ध्यान से काट कर हटा दें या एयर कंप्रेसर का उपयोग करके बाहर निकालें।
  2. हीटिंग पैड लगाना: हीटिंग पैड को हैंडलबार पर चिपकाएं (यह अक्सर स्व-चिपकने वाला होता है)। सुनिश्चित करें कि यह कसकर फिट हो।
  3. ग्रिप्स लगाना: अब अपनी नई रबर ग्रिप्स को हीटिंग पैड के ऊपर लगाएँ।
  4. वायरिंग जोड़ना: यह सबसे महत्वपूर्ण चरण है। हीटेड ग्रिप्स की तारों को मुख्य इग्निशन वायर या किसी ऐसी वायर से जोड़ें जो चाबी ऑन करने पर ही सक्रिय हो (इससे बैटरी डेड नहीं होगी)।
  5. फ्यूज और स्विच: किट के फ्यूज को वायरिंग के बीच में जोड़ें (सुरक्षा के लिए अनिवार्य)। कंट्रोल स्विच को हैंडलबार के पास सुविधाजनक जगह पर फिक्स करें।
  6. टेस्टिंग: बाइक/स्कूटर स्टार्ट करें और स्विच ऑन करके हीटिंग की जाँच करें।

हीटेड ग्रिप्स और आपकी बाइक की बैटरी: कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

क्या हीटेड ग्रिप्स मेरी बैटरी को जल्दी खत्म कर देंगी?

यह एक आम सवाल है। अच्छी गुणवत्ता वाली हीटेड ग्रिप्स किट्स आमतौर पर 15 से 35 वॉट (Watts) के बीच बिजली लेती हैं।

  • छोटे स्कूटर (100cc-125cc): इन वाहनों में छोटी बैटरी और कम क्षमता वाला अल्टरनेटर (Alternator) होता है। लंबी अवधि तक इस्तेमाल करने पर बैटरी पर थोड़ा दबाव पड़ सकता है।
  • बड़ी बाइक (150cc+): इनमें बड़ी बैटरी और बेहतर चार्जिंग सिस्टम होता है, इसलिए दबाव काफी कम होता है।

एक्सपर्ट टिप

  • केवल इंजन ऑन होने पर चलाएं: ग्रिप्स को केवल तभी ऑन करें जब इंजन चल रहा हो, इससे बैटरी लगातार चार्ज होती रहेगी।
  • फ्यूज का प्रयोग अनिवार्य है: ओवरलोडिंग (Overloading) से बचने के लिए हमेशा सही रेटिंग वाले फ्यूज का इस्तेमाल करें।

हीटेड ग्रिप्स: सिर्फ लक्ज़री नहीं, बल्कि सुरक्षा का निवेश

भारत में हीटेड ग्रिप्स को अक्सर एक महंगी लक्ज़री एक्सेसरी माना जाता है। हमारा अनोखा कोण यह है कि ₹1500 की लागत इसे “लक्ज़री” के बजाय एक “सुरक्षा निवेश” (Safety Investment) बना देती है।

जब आपके हाथ ठंडी राइड में जमे हुए नहीं होते हैं, तो आप आपातकालीन स्थिति में तेज़ी से और मज़बूती से ब्रेक लगा सकते हैं। इस सस्ते जुगाड़ का अंतिम लक्ष्य सिर्फ आराम नहीं, बल्कि राइडिंग सुरक्षा (Riding Safety) को बढ़ाना है।

हीटेड ग्रिप्स (Heated Grips) का यह सस्ता और कारगर जुगाड़ लाखों भारतीय राइडर्स के लिए वरदान साबित हो सकता है। यह न सिर्फ आपकी जेब पर हल्का है, बल्कि सर्दियों में आपको एक सुरक्षित और आनंददायक राइडिंग अनुभव भी देता है। यदि आप ठंडी राइड्स के शौकीन हैं और अपनी बाइक या स्कूटर में कोई बड़ा बदलाव नहीं चाहते, तो ₹1500 का यह निवेश आपके लिए हाई-वैल्यू साबित होगा। अपने लोकल मैकेनिक से बात करें या ऑनलाइन किट मंगवाएं—इस सर्दी, अपने हाथों को ठंड से बचाएं!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Q&A)

Q1. क्या ₹1500 की हीटेड ग्रिप्स भरोसेमंद होती हैं?

A: ₹1500 की कीमत में आप सामान्यतः अच्छी आफ्टरमार्केट किट खरीद सकते हैं। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हमेशा अच्छी यूजर रेटिंग (User Rating) और एक साल की वारंटी (Warranty) वाली किट ही खरीदें।

Q2. हीटेड ग्रिप्स लगवाने में कितना समय लगता है?

A: किसी अनुभवी मैकेनिक को इसे इंस्टॉल करने में आमतौर पर 30 मिनट से 1 घंटे का समय लगता है। DIY इंस्टॉलेशन में थोड़ी अधिक सावधानी बरतने पर 1.5 से 2 घंटे लग सकते हैं।

Q3. क्या मैं इन्हें अपनी पुरानी 100cc स्प्लेंडर (Splendor) में लगवा सकता हूँ?

A: हाँ, आप लगवा सकते हैं, लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपकी बाइक का चार्जिंग सिस्टम 35W के अतिरिक्त लोड को संभाल सकता है। हमेशा कम वॉट (Low Wattage) वाली किट का ही उपयोग करें।

Q4. हीटेड ग्रिप्स को कितने तापमान पर सेट करना सुरक्षित है?

A: अधिकांश किट्स में ‘लो’ (Low) और ‘हाई’ (High) सेटिंग होती है। लंबे समय तक राइडिंग के लिए ‘लो’ सेटिंग पर्याप्त होती है। अत्यधिक गर्मी हाथों को जला सकती है, इसलिए ‘हाई’ का उपयोग केवल गंभीर ठंड में ही करें।

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