सलमान खान और राकेश रोशन ने एक्स पर पोस्ट कर दी जानकारी

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

karan arjun film: बॉलीवुड के इतिहास में कई ऐसी फिल्में हैं, जिन्होंने दर्शकों के दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है, और करण अर्जुन (1995) उनमें से एक है। राकेश रोशन निर्देशित इस फिल्म में भाईचारे, बदले और पुनर्जन्म की कहानी को जिस अंदाज़ में दिखाया गया, वह आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है। 22 नवंबर, 2024 को यह फिल्म एक बार फिर से सिनेमाघरों में दस्तक देगी, और इस खबर की पुष्टि खुद सलमान खान और निर्देशक राकेश रोशन ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से की है।

सलमान खान ने अपने ट्वीट में फिल्म के मशहूर संवाद को याद करते हुए लिखा, “राखी जी ने सही कहा था फिल्म में कि मेरे करण अर्जुन आएंगे … 22 नवंबर को दुनिया भर के सिनेमाघरों में।”

यही नहीं राकेश रोशन ने भी एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि “करण अर्जुन आ रहे हैं! 22 नवंबर 2024 से दुनिया भर के सिनेमाघरों में, पुनर्जन्म का गवाह बनिए।” इन ट्वीट्स से यह स्पष्ट हो गया है कि फिल्म का एक बार फिर से बड़े पर्दे पर प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे प्रशंसकों में काफी उत्साह है।

फिल्म का ऐतिहासिक महत्व और कालजयी संवाद

करण अर्जुन की कहानी दो भाइयों, करण (सलमान खान) और अर्जुन (शाहरुख खान), पर आधारित है, जिन्हें जन्म-जन्मांतर के बंधन से जोड़ने का वादा फिल्म की मां दुर्गा सिंह (राखी गुलजार) निभाती हैं। फिल्म में राखी का संवाद, “मेरे करण अर्जुन आएंगे,” आज भी बॉलीवुड के सबसे प्रसिद्ध संवादों में से एक माना जाता है। यह संवाद न केवल फिल्म की कहानी का सार प्रस्तुत करता है, बल्कि मां और बेटों के रिश्ते की गहराई को भी उजागर करता है। फिल्म के अन्य संवाद, जैसे कि “मारता है तो घबराहट क्यों होती है?” और “अब आएगा असली मजा,” आज भी दर्शकों को रोमांचित करते हैं।

इस फिल्म में राखी के अलावा, अमरीश पुरी ने भी दमदार अभिनय किया था। उनके किरदार ठाकुर दुर्जन सिंह ने दर्शकों को डर और नफरत दोनों को बड़े पर्दे पर जीवंत कर दिया। फिल्म में उनकी अदाकारी ने विलेन के किरदार में एक नई ऊंचाई को छुआ। वहीं, सलमान और शाहरुख के करिश्माई अभिनय ने इस फिल्म को यादगार बना दिया। भाईचारे और बदले की कहानी को इन दोनों कलाकारों ने अपने अभिनय से जीवंत कर दिया था।

फिल्म की पुनः रिलीज का उत्साह

राकेश रोशन की यह फिल्म अपने समय में सुपरहिट रही थी और अब जब इसे फिर से सिनेमाघरों में लाने की घोषणा हुई है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि नए दौर के दर्शक इस फिल्म को किस नजर से देखते हैं। फिल्म की पुनः रिलीज से उस दौर की नॉस्टैल्जिया फिर से जीवित होगी और उन दर्शकों को भी इसका अनुभव मिलेगा जिन्होंने इसे पहले सिनेमाघरों में नहीं देखा था। 22 नवंबर को करण अर्जुन का पुनर्जन्म एक ऐसे उत्सव का प्रतीक होगा, जो बॉलीवुड की सुनहरी यादों को एक बार फिर से जीने का मौका देगा।

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