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माइलेज का खेल: कार हीटर माइलेज पर कितना असर डालता है?

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

माइलेज का खेल! कार हीटर माइलेज – हर भारतीय ड्राइवर के मन में एक सवाल ज़रूर आता है: “क्या कड़ाके की ठंड में कार का हीटर चलाने से पेट्रोल या डीजल ज़्यादा खर्च होता है?” ज़्यादातर लोग मानते हैं कि AC से ज्यादा हीटर तेल खाता है। यह एक ऐसा भ्रम है जिसके चलते कई लोग ठंड में भी ठिठुरते हुए ड्राइविंग करते हैं, ताकि उनकी जेब न ढीली हो जाए।

लेकिन क्या यह सच है? क्या आपकी कार का इंजन अपनी गर्मी को बर्बाद करने के बजाय, उसे AC कंप्रेसर की तरह फ्यूल पर चलाता है?

इस हाई-वैल्यू गाइड में, हम यूनिक एंगल से इस मिथक को तोड़ेंगे, हीटर और AC के काम करने के वैज्ञानिक तरीके को समझेंगे और आपको बताएंगे कि आपकी कार हीटर माइलेज पर कितना, और कैसे असर डालता है। विंटर ड्राइविंग टिप्स के साथ यह खबर न केवल इंगेजिंग और इन्फॉर्मेटिव है, बल्कि आपकी जेब पर पड़ने वाले असर को भी स्पष्ट करेगी।

AC और हीटर की वर्किंग में मौलिक अंतर (The Core Difference)

कार हीटर और माइलेज के संबंध को समझने के लिए, पहले यह समझना ज़रूरी है कि AC और हीटर दोनों कैसे काम करते हैं। यहीं पर सबसे बड़ा भ्रम पैदा होता है।

1. AC (एयर कंडीशनर) का काम करने का तरीका

  • AC को कंप्रेसर चलाने के लिए सीधे इंजन की पावर की आवश्यकता होती है।
  • यह कंप्रेसर इंजन से बेल्ट के माध्यम से जुड़ा होता है। जब आप AC ऑन करते हैं, तो कंप्रेसर क्लच इंगेज होता है और इंजन पर अतिरिक्त लोड पड़ता है।
  • इस लोड के कारण, इंजन को ज़्यादा पावर (और इसलिए ज़्यादा फ्यूल) खर्च करना पड़ता है ताकि कार की स्पीड बनी रहे।
  • निष्कर्ष: AC चलाने से माइलेज निश्चित रूप से कम होती है, क्योंकि यह इंजन से सीधे ऊर्जा खींचता है।

2. हीटर (Heater) का काम करने का तरीका

  • कार हीटर कैसे काम करता है? कार का हीटर AC कंप्रेसर की तरह इंजन से कोई अतिरिक्त पावर नहीं लेता।
  • यह इंजन के ऑपरेशन का बाई-प्रोडक्ट इस्तेमाल करता है। जब इंजन चलता है, तो यह गर्म होता है। इंजन को ठंडा रखने के लिए कूलेंट (Coolant) सर्कुलेट होता है।
  • हीटर सिस्टम इस गर्म कूलेंट को हीटर कोर (एक छोटा रेडिएटर) तक ले जाता है।
  • एक ब्लोअर (Fan) इस गर्म कोर पर से हवा खींचकर केबिन में फेंकता है। ब्लोअर चलाने के लिए केवल थोड़ी सी बैटरी पावर की आवश्यकता होती है।
  • निष्कर्ष: हीटर चलाने से इंजन पर सीधा कोई अतिरिक्त या महत्वपूर्ण लोड नहीं पड़ता है, क्योंकि यह इंजन की “वेस्ट हीट” (व्यर्थ ऊष्मा) का उपयोग करता है।

हीटर चलाने से माइलेज पर क्या असर पड़ता है? (तथ्य बनाम भ्रम)

अब सवाल यह है कि यदि हीटर सीधे इंजन से पावर नहीं खींचता, तो क्या कार हीटर माइलेज पर कोई असर नहीं डालता?

A. बड़ा भ्रम: हीटर AC से ज्यादा तेल खाता है?

  • जवाब: नहीं! यह एक ग़लत धारणा है। हीटर का फ्यूल कंजम्पशन (खपत) AC कंप्रेसर की तुलना में नगण्य है। AC चलाने से माइलेज में $5\%$ से $10\%$ तक की कमी आ सकती है, जबकि हीटर से यह कमी $1\%$ से भी कम होती है।

B. माइलेज पर पड़ने वाले दो छोटे असर:

  1. ब्लोअर का इलेक्ट्रिकल लोड: हीटर का ब्लोअर (फैन) चलाने के लिए बैटरी से थोड़ी पावर चाहिए होती है। यह बैटरी अल्टरनेटर (Alternator) से चार्ज होती है, जो इंजन से चलता है। इसलिए, बहुत ही कम (मिनट) मात्रा में लोड इंजन पर आता है, लेकिन यह AC कंप्रेसर जितना बड़ा नहीं होता।
  2. ठंडे इंजन की आइडलिंग (Idling): ठंड के दिनों में लोग अक्सर कार को स्टार्ट करके ज़्यादा देर तक आइडल छोड़ देते हैं ताकि इंजन गर्म हो जाए और हीटर जल्दी काम करने लगे। यह आइडलिंग, ड्राइविंग की तुलना में कम एफिशिएंट होती है और फ्यूल की खपत को बढ़ाती है।

सर्दियों में माइलेज बचाने की 5 असरदार विंटर ड्राइविंग टिप्स

ठंड के मौसम में कार की फ्यूल एफिशिएंसी (ईंधन दक्षता) कई कारणों से घटती है, जिनमें हीटर सबसे छोटा कारण है। यदि आप अपनी कार हीटर माइलेज को लेकर चिंतित हैं, तो इन विंटर ड्राइविंग टिप्स को अपनाएं:

  • टिप 1: टायर प्रेशर चेक करें: ठंडी हवा टायर के प्रेशर को कम कर देती है। अंडर-इन्फ्लेटेड टायर से माइलेज $2-3\%$ तक घट सकती है। सर्दियों में टायर प्रेशर को हमेशा रिकमेंडेड लेवल पर रखें।
  • टिप 2: वार्म-अप न करें: सुबह कार को लम्बे समय तक आइडल करके गर्म न करें। स्टार्ट करें और धीरे-धीरे ड्राइव करना शुरू करें। कार चलते समय इंजन ज़्यादा तेज़ी से गर्म होता है।
  • टिप 3: सही ग्रेड का इंजन ऑयल: ठंड में इंजन ऑयल गाढ़ा हो जाता है, जिससे इंजन पर लोड पड़ता है। सर्दी आने से पहले विंटर-ग्रेड (कम विस्कोसिटी) इंजन ऑयल डलवाएं। यह कार हीटर और माइलेज दोनों के लिए बेहतर है।
  • टिप 4: विंडशील्ड डी-फॉगिंग का सही इस्तेमाल: अगर आप डी-फॉगिंग के लिए AC कंप्रेसर (A/C बटन) का इस्तेमाल कर रहे हैं (जो कि ज़रूरी है), तो शीशा साफ होते ही AC को बंद कर दें और सिर्फ ब्लोअर को ऑन रखें।
  • टिप 5: अनावश्यक लोड हटाएं: ठंड के लिए कार में रखे अतिरिक्त भारी सामान (जैसे स्नो चेन) को हटा दें जब उनकी ज़रूरत न हो। कार का वज़न जितना कम होगा, माइलेज उतनी बेहतर होगी।

हीटर चलाएं, चिंता न करें

संक्षेप में, यह एक मिथक है कि AC से ज्यादा हीटर तेल खाता है। हीटर आपकी कार के इंजन की व्यर्थ ऊष्मा का उपयोग करता है, जबकि AC कंप्रेसर चलाने के लिए इंजन को अतिरिक्त शक्ति खर्च करनी पड़ती है।

आप कड़ाके की ठंड में बेझिझक कार का हीटर चला सकते हैं। आपकी कार हीटर माइलेज पर नगण्य प्रभाव डालेगा। असली माइलेज ड्रॉप का कारण कम टायर प्रेशर, लम्बी आइडलिंग, और कोल्ड स्टार्ट है।

इंगेजिंग, इन्फॉर्मेटिव खबर का सार यही है: अपनी सुरक्षा और आराम को प्राथमिकता दें, और कार हीटर माइलेज की चिंता छोड़ दें।

Q&A सेक्शन

Q.1. क्या कार का हीटर पेट्रोल या डीज़ल खाता है?

A.1. सीधे तौर पर नहीं। कार का हीटर इंजन से निकलने वाली व्यर्थ ऊष्मा (Waste Heat) का उपयोग करता है, इसलिए यह AC कंप्रेसर की तरह अतिरिक्त पेट्रोल या डीज़ल नहीं खाता। हीटर चलाने से माइलेज पर नगण्य (लगभग शून्य) असर पड़ता है।

Q.2. हीटर और AC में माइलेज के लिए कौन ज़्यादा नुकसानदेह है?

A.2. AC (एयर कंडीशनर) माइलेज के लिए ज़्यादा नुकसानदेह है। AC कंप्रेसर को चलाने के लिए इंजन पर सीधा लोड पड़ता है, जिससे माइलेज $5\%$ से $10\%$ तक घट सकती है। हीटर केवल ब्लोअर चलाने के लिए बैटरी का उपयोग करता है।

Q.3. कार हीटर और ब्लोअर में क्या अंतर है?

A.3. हीटर वह पूरा सिस्टम है जो इंजन की गर्मी को उपयोग करता है। ब्लोअर (Fan) वह मोटर है जो गर्म हवा को केबिन के अंदर फेंकता है। ब्लोअर चलाने से ही बैटरी पर बहुत कम लोड आता है।

Q.4. सर्दियों में कार को स्टार्ट करके आइडल क्यों नहीं छोड़ना चाहिए?

A.4. लम्बी आइडलिंग (लंबे समय तक स्टार्ट करके छोड़ देना) फ्यूल एफिशिएंसी (ईंधन दक्षता) को कम करती है। इंजन चलते हुए जल्दी गर्म होता है, इसलिए स्टार्ट करके धीरे-धीरे ड्राइव करना सबसे अच्छा तरीका है।

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