शिक्षकों के विरोध के चलते डीयू का शैक्षणिक कार्य रहा ठप्प
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (Delhi university teacher association) ने सोमवार को विभिन्न कॉलेजों में स्थाई नियुक्ति के लिए हो रहे साक्षात्कार में कार्यरत एडहॉक शिक्षकों के विस्थापन को रोकने के लिए विश्वविद्यालय बंद का आह्वान किया। डूटा के बंद के आह्वान के कारण दिल्ली विश्वविद्यालय (delhi university) में 3 अक्तूबर को शिक्षण सहित अन्य सभी कार्य ठप्प रहे।
डूटा अध्यक्ष (Duta president) डॉ अजय कुमार भागी ने बताया कि डूटा ने 30 सितंबर को हुई अपनी कार्यकारिणी की बैठक में लिए निर्णय के अनुसार विश्वविद्यालय में हड़ताल का आह्वान किया था। डॉ भागी ने बताया कि डूटा साक्षात्कार के माध्यम से कॉलेजों में कार्यरत एडहॉक शिक्षकों को निकालने का पुरजोर विरोध करती है। वर्षों से पढ़ा रहे एडहॉक शिक्षकों ने निरंतर अपनी योग्यता को सिद्ध किया है, एडहॉक शिक्षकों का विस्थापन डूटा में पारित प्रस्ताव का उल्लंघन भी है। डूटा समायोजन की मांग को लेकर प्रतिबद्ध है, और वह अपनी समायोजन की मांग को लेकर संघर्ष जारी रखेगा।
डूटा सचिव डॉ सुरेंद्र सिंह ने कहा कि विस्थापित एडहॉक शिक्षकों को स्थाई होने तक कॉलेजों से नही निकाला जाना चाहिए, एवं इन शिक्षकों के अनुभव को ध्यान में रखते हुए इनको अन्य कॉलेजों में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर आगामी 11 अक्तूबर को डूटा प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करेगा। 13 अक्तूबर को ईडब्ल्यूएस आरक्षण से बढ़ी 25 प्रतिशत शिक्षक सीटों को जारी करने, ईडब्ल्यूएस आरक्षण पूर्व प्रभावी रूप से लागू न करने की मांग को लेकर यूजीसी अधिकारियों से भी डूटा प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा।
डूटा शिक्षा मंत्रालय से 200 पॉइंट्स रोस्टर को ध्यान रखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय में तदर्थ शिक्षकों के समायोजन एवं दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजो की ग्रांट नियमित रूप से जारी करवाने की मांग करता है। डूटा ने अपनी इन मांगो को लेकर 18 से 20 अक्तूबर तक दिल्ली विश्वविद्यालय बंद का आह्वान भी डूटा ने किया है।