मुद्दों की राजनीति से तय होगा दिल्ली का भविष्य
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान दिल्ली की तीनों प्रमुख पार्टियों (कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी) ने मतदाताओं से विभिन्न वादे किए थे। आम आदमी पार्टी ने मुफ्त बिजली और पानी का वादा किया तो भाजपा ने रोजगार और झुग्गियों की जगह मकान देने की घोषणा की थी। जबकि कांग्रेस ने शीला दीक्षित के विजन के आधार पर दिल्ली के विकास का विजन दिया था। अब जबकि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख धीरे धीरे पास आ रही है तो मतदाताओं के लिए भी यह जानना दिलचस्प होगा कि पार्टियों ने पिछले चुनाव में क्या वायदे किए थे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में पार्टियों ने अलग-अलग दृष्टिकोण से मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए कई घोषणाएं की थीं:
आम आदमी पार्टी (AAP)
-मुफ्त बिजली और पानी की योजनाओं को प्रमुख मुद्दा बनाया था, साथ ही बेहतर अस्पतालों और स्कूलों के निर्माण का वादा किया था।
-पार्टी ने एक ‘वादों को निभाने का गारंटी कार्ड’ भी जारी किया था, जो यह सुनिश्चित करता था कि पार्टी अपने वादों को पूरा करेगी।
- मुफ्त बिजली-पानी
- बेहतर अस्पताल और स्कूल
- वादों को निभाने का गारंटी कार्ड
भारतीय जनता पार्टी (BJP)
झुग्गीवासियों के लिए मकान देने का वादा किया था और 5 साल में 10 लाख नौकरियों का निर्माण करने का दावा किया था।
पार्टी ने यह भी कहा था कि दिल्ली के हर घर को स्वच्छ जल मुहैया कराया जाएगा।
- जहां झुग्गी, वहीं मकान
- 5 साल में 10 लाख नौकरियां
- हर घर को स्वच्छ जल
कांग्रेस
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल को याद करते हुए वादा किया था कि वह उसी तरह की दिल्ली बनाएंगे, जैसी शीला दीक्षित के शासन में थी।
कांग्रेस ने बुजुर्गों को पुरानी पेंशन की बहाली और ट्रैफिक सुधार की योजना भी पेश की थी।
- शीला दीक्षित वाली दिल्ली देंगे
- बुजुर्गों को पुराना पेंशन
- ट्रैफिक में सुधार