अभिनेता देवानंद (Devanand), जीनत अमान (zeenat aman) को पसंद करने लगे थे। पहले पहल तो उन्हें इसका पता नहीं चला लेकिन उन्होंने खुद लिखा है कि अचानक एक दिन मुझे लगा कि मैं जीनत से बेतहाशा मुहब्बत करने लगा हूं और चाहता था कि मैं उसे कह दूं। देवानंद इस क्षण को खास बनाना चाहते थे। उनकी ख्वाहिश थी कि मोहब्बत का इजहार किसी विशेष स्थान, जो रोमांस के लिए ही बना हो वहीं पर करें। देवानंद ने ताज होटल के ‘रेंडेजुअस ‘ में टेबल बुक किया। Old is Gold
बकौल देवानंद, मैंने सोचा कि इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता कि हम कोने में एक मेज पर बैठे हों, जिसके ऊपर एक मोमबत्ती जल रही हो और मोमबत्ती की रोशनी जीनत के मुख पर पड़ रही हो, ठीक उसी तरह से जैसे, जब हम पहली बार मिले थे। देवानंद ने जीनत को फोन किया और कहा, “जीनि, मैं तुम्हारे साथ आज रात डेट पर जाना चाहता हूं।” “लेकिन क्या हम आज पहले से ही एक पार्टी में नहीं जा रहे ?” उसने मुझसे पूछा । “निश्चि रूप से हम जा रहे हैं, पर क्यों न हम थोड़ी देर के लिए वहां जाएं, वहा एकत्रित लोगों से हेलो – हाय करें और फिर शीघ्र ही वहां से गायब हो जाएं?” यह एक आदेश था।
देवानंद लिखते हैं क मैंने उसे अपनी गाड़ी से ले लिया। हम दोनों एक साथ पार्टी में गए। पार्टी पूरे शबाब पर थी। जीनत का, जिसने सबसे पहले कुछ दूरी से अभिवादन किया, वे थे शराब के नशे में धुत्त राज कपूर थे। जीनत को देखते ही राजकपूर (Raj Kapoor) ने कहा- “ये रही वो। उन्होंने उल्लास से जीनत के गले में अपनी बांहें डाल दीं। वह उनके पैर छूने के लिए जल्दी से झुक गई और फिर मुझे एक घबराहट भरे लहजे में देखा। राज ने मेरा हाथ बड़े ही जोरों से पकड़ लिया, जैसा उन्होंने पहले कभी नहीं किया था, जैसे कि वे अपनी की हुई किसी गलती का पश्चात्ताप कर रहे हों। और फिर वे अचानक स्नेह से ओत-प्रोत हो गए। मेरे दिमाग में एक संदेह दौड़ गया। Dev Anand, Zeenat Aman & Raj Kapoor’s Triangle Love story
कुछ दिनों पहले एक अफवाह चल रही थी कि जीनत राज के स्टूडियो में उनकी नई फिल्म ‘सत्यं शिवं सुन्दरम्’ में मुख्य भूमिका के लिए स्क्रीन टेस्ट देने गई थी। अफवाह अब सच लगने लगी थी। बकौल देवानंद- मेरा हृदय घायल हो रहा था। “तुम अपना वादा तोड़ रही हो। ” राज कपूर और जीनत के बीच बातों का सिलसिला जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा था, देवानंद को तकलीफ पहुंच रही थी। खैर, उन्होंने जीनत से पूछा- आप कितनी देर और यहां ठहरना चाहती हो। जीनत ने राज की ओर देखा मानो वहां से जाने के लिए उनकी इजाजत मांग रही हो।
राजकपूर ने कहा “उसको यही ठहरने दो, देव आनंद। आप भी पार्टी का मजा लो!” वे नशे में कहते गए। “हां, हर तरह से।” मैंने कहा,
“जीनत, आप मौज करो।” “मुझे बाद में जब आप चाहें, बुला लेना, पर क्या हमें दूसरी जगह एक साथ नहीं जाना है?” उसने जल्दी से मुझसे पूछा, “कोई बात नहीं”, मैंने कहा। ‘रेंडेजुअस’ मेरे दिमाग से पहले ही निकल गया था। देवानंद चुपचाप मेजबान से माफी मांगते हुए उस जगह से बाहर आ गए। देवानंद ने जल्द ही स्वयं पर काबू पाया और खुद को समझा लिया कि बहुत सी चीजों को जेब में रखने की बहुत बड़ी भूल कर दी।