एशियाई खेलों में पदक जीतकर देश का नाम किया रोशन

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

ज्योतिर्मयी सिकदर: एक परिचय

ज्योतिर्मयी सिकदर, भारतीय खेल और राजनीति की एक प्रेरणादायक शख्सियत हैं। उन्होंने 1998 के बैंकॉक एशियाई खेलों में 800 और 1500 मीटर स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया। खेल से संन्यास के बाद, उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 2004 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से लोकसभा चुनाव जीतकर एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभरीं।

प्रारंभिक जीवन और खेल की शुरुआत

खेल भावना की नींव
11 दिसंबर 1969 को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के देबग्राम में जन्मी ज्योतिर्मयी ने अपने पिता से खेलों के प्रति प्रेरणा ली, जो स्वयं एक पोल वॉल्टर थे। सत्यराम रॉय, उनके कोच, ने उनकी असाधारण प्रतिभा को निखारा।

पहला बड़ा मंच
1992 में ऑल इंडिया ओपन मीट में 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीतने के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने धमाकेदार शुरुआत की। अगले वर्ष, उन्होंने ओपन नेशनल एथलेटिक्स मीट में स्वर्ण पदक हासिल किया।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां

राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन

1993 से 1998 के बीच, ज्योतिर्मयी ने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और शानदार प्रदर्शन किया। 1994 में उन्होंने 1500 मीटर दौड़ में राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योगदान

1993 के ढाका एसएएफ गेम्स में 1500 मीटर में रजत पदक जीतने के साथ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स में कदम रखा।

  • 1998 के बैंकॉक एशियाई खेल:
    • 800 मीटर: स्वर्ण पदक
    • 1500 मीटर: स्वर्ण पदक
    • 4×400 रिले: रजत पदक
  • अन्य प्रमुख उपलब्धियां:
    • 1994: लंदन विश्व रेलवे मीट में स्वर्ण पदक
    • 1995: जकार्ता एशियाई ट्रैक एंड फील्ड मीट में स्वर्ण पदक

ज्योतिर्मयी सिकदर का राजनीतिक सफर

लोकसभा चुनाव जीत
2004 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के टिकट पर पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से उन्होंने लोकसभा चुनाव जीता। यहां उन्होंने सत्यव्रत मुखर्जी को हराकर राजनीति में अपनी पहचान बनाई।

राजनीति में योगदान
राजनीति में आने के बाद, ज्योतिर्मयी ने शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर काम किया।

पुरस्कार और सम्मान

  • अर्जुन पुरस्कार (1995): खेल के क्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन के लिए।
  • राजीव गांधी खेल रत्न (1998-99): इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली पहली एथलीट बनीं।

प्रेरणा स्रोत और भविष्य की दिशा

ज्योतिर्मयी सिकदर की कहानी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है। खेल और राजनीति दोनों क्षेत्रों में उनका सफर दृढ़ संकल्प और मेहनत का उदाहरण है।

ज्योतिर्मयी सिकदर का जीवन हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष करता है। एथलेटिक्स और राजनीति में उनकी यात्रा भारत के लिए गर्व का विषय है।

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