मिथिला की परम्परा है जब किसी लड़की की शादी होती है तो उसकी छोटी बहन दूल्हा से विभिन्न प्रकार के मजाक करती है। उसी संदर्भ में लड़कियां राम से पूछती हैं कि ऐ दूल्हा जी, मेरी बहन को तुम कहां रखोगे, क्योंकि तुम्हारे परिवार के बारे में हम सब जानते हैं।
मिथिला में यह भी परम्परा है कि विवाह के बाद लड़की के पिता पुछारी भेजते हैं। उसी परम्परा का यहां निर्वाह किया गया है-
कहमां तु रखब दूल्हा, हमर बहिनियां,
बता द हमरा अहांक टूटल महलिया।
तीन-तीन माई अहांक सेवा करईहें
फूल सन दुलारी बहना कैसे निभईहें
दंतवा में जीभ जइसन दीदी के करमिया
बताद दूल्हा कहमां रखब बहिनियां।।
कहइत छलाह राम छथिन जगत विहारी
शक्ति-रूप सीता खातिर अइलन दुआरी
धन्य-धन्य मिथिला के पावन डगरिया
बता द दूल्हा कहमां रखब बहिनियां।।
पान, मखान दूल्हा इहां से पठायब
लाल-लाल धोती कुर्ता टोपी भेजवायन
मइया ला मिथिला के साड़ी दुपलिया
बताद दूल्हा कहमां रखब बहिनियां ।।
भेजब पुछारी में दउरा भर अमवा,
खाजा के मिठाई, गाजर के हलुवा
चांदी के लोटा थाली, सोना के गगरिया
बता द दूल्हा कहमां रखब बहिनियां।।