संकटग्रस्त महिलाओं के लिए मददगार साबित हुई मिशन शक्ति

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार संकट के समय महिलाओं की मददगार साबित हो रही है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) और शक्ति सदन योजनाएं देशभर में संकटग्रस्त महिलाओं को सहायता और पुनर्वास प्रदान कर रही हैं। 31 अक्टूबर, 2024 तक 802 वन स्टॉप सेंटरों ने 10.12 लाख से अधिक महिलाओं की सहायता की है, जबकि 404 शक्ति सदनों ने 29,315 महिलाओं को पुनर्वास की सुविधा दी है।

वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) की भूमिका: 

वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) मिशन शक्ति के अंतर्गत संचालित संबल पहल का हिस्सा है। इसका उद्देश्य घरेलू और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को हिंसा और संकट से निपटने के लिए एकीकृत सहायता प्रदान करना है। इन केंद्रों पर महिलाओं को चिकित्सा सहायता, कानूनी परामर्श, पुलिस सहायता, अस्थायी आश्रय, और मनो-सामाजिक परामर्श जैसी सेवाएं प्रदान की जाती हैं।

31 अक्टूबर, 2024 तक स्वीकृत 878 ओएससी में से 802 सक्रिय हैं, जिन्होंने 10.12 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता प्रदान की है।

शक्ति सदन का योगदान: 

शक्ति सदन मिशन शक्ति के तहत सामर्थ्य पहल का हिस्सा है। इसका उद्देश्य संकटग्रस्त महिलाओं, विशेष रूप से मानव तस्करी की शिकार महिलाओं, को एक सुरक्षित और सशक्त वातावरण प्रदान करना है। वर्तमान में, देशभर में 404 शक्ति सदन काम कर रहे हैं और 29,315 महिलाओं को पुनर्वास और राहत दी गई है।

योजना की विशेषताएं:

– वन स्टॉप सेंटर स्थापना: महिला अपराध दर और भौगोलिक क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक जिले में ओएससी स्थापित किए जा रहे हैं।

– केंद्र की वित्तीय सहायता: केंद्र सरकार प्रत्येक ओएससी के लिए 100% वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

– स्टाफिंग: हर ओएससी में 13 स्टाफ सदस्यों की नियुक्ति के लिए पूरी मदद दी जाती है।

– राज्य सरकार की भूमिका: ओएससी योजना का कार्यान्वयन संबंधित राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के जिम्मे है।

महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने राज्यसभा में इस योजना से संबंधित जानकारी साझा की।

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