दिल्ली में एक फिल्म प्रीमियर के सिलसिलेे में शर्मिला टैगोर (Sharmila tagore) पहली बार भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान मंसूर अली खान पटौदी (mansoor ali khan pataudi) से मिली। पटौदी अपना दिल शर्मिला को दे बैठेे। उन्हेें तीन-चार सालों तक प्रतिदिन गुलाब भेजते। इस उम्मीद में कि शायद शर्मिला शादी के लिए हां कर दें। जब उन्हें पता चला कि शर्मिला को ठंडी चीजेें पसंद हैं तो उनके घर रेफ्रिजरेेटर भेज दिया। शर्मिला का दिल पिघल गया और उन्होने शादी के लिए हां बोल दिया। अब असली मुश्किल यहां उठ खड़ी हुई।

हुआ दरअसल यह कि, नवाब पटौदी की मां ने कहा कि वो लड़की यानी शर्मिला टैगोर को देखना चाहती हैं। वो शर्मिला से मिलने मुंबई जाने की प्लानिंग बना बैठी। उन दिनों शर्मिला टैगोर की एक फिल्म रिलीज होने वाली थी, जिसमें शर्मिला ने बिकनी में कुछ सीन फिल्माए थी। बिकनी पहले शर्मिला के पोस्टर मुंबई की हर सड़क पर लगे थे। उस सड़क पर भी जो एयरपोर्ट से शर्मिला के घर जाती थी। उन्हेें यह डर सता रहा था कि यदि पटौदी की मां ने पोस्टर देख लिए तो शादी टूट जाएगी।

शर्मिला ने अपने ड्राइवर से मदद मांगी। ड्राइवर ने आश्वासन दिया कि रात भर में सारे पोस्टर हट जाएंगे। मुंबई एयरपोर्ट से शर्मिला के घर तक वाले रास्ते के किनारे लगे सभी फिल्मी पोस्टर रात भर में हटा लिए गए। ड्राइवर ने इसके लिए काफी मेहनत की। पोस्टर सुबह तक उतरवा लिए गए। पटौदी की मां अपने बेटे के साथ शर्मिला को देखने आयीं और बहू पसंद कर चली गई। उनके जाने के बाद शर्मिला ने सांस ली।

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