प्रधानमंत्री ने मुख्य सचिवों के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन को किया संबोधित
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
दिल्ली में मुख्य सचिवों के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोटापे को एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बताया। उन्होंने फिट इंडिया मूवमेंट को हर नागरिक तक पहुंचाने और 2025 तक स्वस्थ भारत के लक्ष्य को हासिल करने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में आयोजित चौथे राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन के दौरान मोटापे को भारत की तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या करार दिया। उन्होंने इसे न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य बल्कि राष्ट्रीय विकास के लिए भी एक बड़ी चुनौती बताया। पीएम मोदी ने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट के जरिए इसे काबू पाकर, एक स्वस्थ और विकसित भारत का निर्माण किया जा सकता है।
मोटापा: एक राष्ट्रीय संकट
प्रधानमंत्री मोदी ने मोटापे को एक ऐसी समस्या बताया, जो व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करने के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि अनियमित जीवनशैली और अस्वस्थ खानपान की वजह से मोटापा तेजी से बढ़ रहा है, जो हृदय रोग, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का कारण बनता है।
फिट इंडिया मूवमेंट: समाधान की दिशा में कदम
प्रधानमंत्री ने फिट इंडिया मूवमेंट को इस समस्या का प्रभावी समाधान बताते हुए कहा कि यह अभियान केवल व्यक्तिगत फिटनेस पर ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य पर भी केंद्रित है। उन्होंने राज्यों को निर्देश दिया कि इस आंदोलन को स्कूलों, कार्यस्थलों और ग्रामीण क्षेत्रों तक ले जाने के लिए ठोस कदम उठाएं।
फिटनेस को बनाएं जीवनशैली का हिस्सा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि फिटनेस को जनांदोलन बनाना होगा। इसके लिए उन्होंने रोज़ाना व्यायाम, योग, और स्वस्थ आहार की आदतें अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में लोगों को फिटनेस के प्रति जागरूक करने के लिए सामुदायिक गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहिए।
2025 तक टीबी-मुक्त भारत का लक्ष्य
मोटापे के साथ ही प्रधानमंत्री ने टीबी को भी भारत की एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बताया। उन्होंने आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से 2025 तक भारत को टीबी-मुक्त बनाया जा सकता है। यह पहल मोटापे से जुड़े रोगों को कम करने में भी मददगार होगी।
गोबरधन कार्यक्रम: सर्कुलर इकोनॉमी से फिटनेस तक
पीएम मोदी ने गोबरधन कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण क्षेत्रों में फिटनेस और स्वास्थ्य सुधार के साथ जोड़ा। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम न केवल अपशिष्ट प्रबंधन में मदद करता है, बल्कि ग्रामीण परिवारों की आय बढ़ाने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने में भी सहायक है।
शहरों और गांवों में एकसमान प्रयास की आवश्यकता
प्रधानमंत्री ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में फिटनेस के लिए एकसमान प्रयास की बात कही। उन्होंने कहा कि छोटे शहरों और गांवों में फिटनेस इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे पार्क, जिम और योग केंद्रों का निर्माण करना आवश्यक है।
स्वास्थ्य और शिक्षा का समन्वय
प्रधानमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में फिटनेस को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने स्कूलों और कॉलेजों में फिटनेस कार्यक्रम अनिवार्य करने और छात्रों को शारीरिक रूप से सक्रिय बनाने की बात कही।
डेटा और तकनीक का उपयोग
प्रधानमंत्री ने मोटापे और अन्य बीमारियों के समाधान में डेटा और तकनीक के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डिजिटल स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स और फिटनेस एप्स की मदद से लोगों को उनकी स्वास्थ्य स्थिति के प्रति जागरूक किया जा सकता है।
मोटापा नियंत्रण में जनभागीदारी का महत्व
प्रधानमंत्री ने कहा कि मोटापा नियंत्रण के लिए जनभागीदारी बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को फिटनेस के लिए समय निकालना चाहिए और सामुदायिक स्तर पर फिटनेस कार्यक्रमों में हिस्सा लेना चाहिए।
आकांक्षी जिलों में फिटनेस को प्राथमिकता
पीएम मोदी ने आकांक्षी जिलों और ब्लॉक्स में फिटनेस को प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने कहा कि इन जिलों में तैनात सक्षम अधिकारी फिटनेस को एक मिशन के रूप में अपनाकर बड़े पैमाने पर बदलाव ला सकते हैं।