मानसून में मुगल गार्डन की अलग ही छटा देखने को मिलती है
गुलाबों की खुशबू से इतर मुगल गार्डन (Mughal garden delhi) में रजनीगंधा, चमेली की खुशबू से फिजा महक उठती है। एलमेंडा, तापूका, चमेली, कूचिया, आठ बजे खिलने वाले कूचिया और इन सब के बीच रजनीगंधा के फूल मुस्कुराते दिखाई देते हैं। मानसून के दिनों में इन फूलों में रंग बिरंगी तितलियां अठखेलियां करती दिखाईं देती हैं। मुगल गार्डन के बगल में ही हर्बल गार्डन है और इन दिनों इसकी हरियाली देखते ही बनती हैं। इसमें ब्रहमी, लेमन ग्रास, मिंट, मिंथोल, काल मेघ, सर्पगंधा, गिलोय, गुलमार जैसे कई औषधीय पौधे देखे जा सकते हैं। इन सब के बीच देश भक्ती के गीतों और धुनों पर नाचते फव्वारों का आंनद भी ले सकते हैं। मुगल गार्डन में गोल गार्डन और लॉंग गार्डन भी शामिल हैं।
इस गार्डन में पारसी गार्डन शैली, ब्रिटिश शैली और मुगलों की शैली का खूबसूरत संगम है। मुगल गार्डन में परदे के लिए उंची दीवारे बनाई जाती है और पानी के लिए फव्वारे भी बनाए जाते हैं। फूलों को लगाने के लिए चौकोर क्यारियां बनाई जाती हैं। इन सब में कुछ ब्रिटिश रंग भी शामिल होते हैं। रंग बिरंगे फूलों के खिलने से मन ही नहीं कुदरत भी खुशनुमा लगता है। मौसम में आते बदलाव को सबसे पहले फूल ही महसूस कर लेते हैं। भंवरे, मधुमक्खी, तितलियों के लिए फूल संजीवनी है।
राष्ट्रपति भवन (president house) के मुगलगार्डन (mughal garden) की खास बातें —
-139 हेक्टेयर में हरियाली विकसित है जिसमें मुगल गार्डन 15 हेक्टेयर में बनाया गया है।
– गार्डन में 1932 के फूलों की प्रजाति भी मौजूद
– सबसे पहले 1916 की कुछ पेड़ और फूलों की प्रजाति पर शोध कार्य शुरू
– 160 प्रजाति के 5000 पेड़
– जम्मू कश्मीर के गार्डन और ताजमहल के मुगल गार्डन का है अक्स राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन
– गार्डन में कोलकाता से दूब की घास बिछाई गई थी
– हर साल नीदरलैंड से ट्यूलिप के फूल के पौधे लगाए जाते हैं
-16 स्थानों पर 135 प्रजाति के गुलाब
– सात प्रजाति के कमल
– साल 2010 में बोन्जाई गार्डन लगाया गया
– साल 2003 में कैक्टस की 80 किस्में लगाई गई
-अध्यात्मिक गार्डन में 40 किस्मों के पेड़ देखे जा सकते हैं
– नक्षत्र गार्डन जिसमें 27 किस्मों के पेड़ पौधे
– खुशबू वाले फूलों के पौधों का एक विशेष गार्डन
बारिशों में मुगल गार्डन में रजनीगंधा की भीनी भीनी खुशबू