क्या न्यूरोसाइंस गेमिंग ऐप से डिमेंशिया की समस्या होगी हल?
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Shark Tank India-4: क्या आप भी धीरे-धीरे चीजें भूलने लगे हैं? अगर हां, तो यह एक आम समस्या हो सकती है, जो उम्र बढ़ने के साथ होती है। उम्र के साथ हम चीजें भूलने लगते हैं, और कुछ लोगों में यह प्रक्रिया तेजी से होती है। जब यह तेज़ी से होता है, तो वह डिमेंशिया (Dementia) जैसी गंभीर समस्या का रूप ले सकता है। डिमेंशिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें लोगों की याददाश्त और सोचने की क्षमता घटने लगती है, और इसे रिवर्स नहीं किया जा सकता।
लेकिन इस समस्या से बचने के लिए मुंबई के दो फाउंडर्स, आईजैक जॉन और राहुल कृष्णन, शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन में आए और अपनी कंपनी Ivory के बारे में बताया। Ivory एक ऐजटेक (Age-tech) स्टार्टअप है, जिसका उद्देश्य डिमेंशिया से बचने के लिए लोगों की मदद करना है।
Ivory का क्या हैं उद्देश्य?
Ivory के फाउंडर्स का कहना है कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारे दिमाग का आकार औसतन हर 10 साल में 5 फीसदी कम होता है। जब यह गति तेज़ होती है, तो डिमेंशिया का खतरा बढ़ जाता है। इस समस्या से बचने के लिए ही Ivory ने एक अद्भुत समाधान पेश किया है।
न्यूरोसाइंस आधारित गेमिंग ऐप
Ivory के फाउंडर्स ने एक ऐसा गेमिंग ऐप तैयार किया है, जो न्यूरोसाइंस (Neuroscience) के सिद्धांतों पर आधारित है। यह ऐप उपयोगकर्ताओं को उनके दिमाग की क्षमता बढ़ाने में मदद करता है और डिमेंशिया से बचने के लिए एक असरदार तरीका प्रदान करता है। यह ऐप एफडीए (FDA) द्वारा रजिस्टर्ड है, और इसके उपयोगकर्ता औसतन रोजाना 10 मिनट इस ऐप पर खर्च करते हैं।
फाउंडर्स की अनोखी कहानी
दोनों फाउंडर्स सिंगल पैरेंट चाइल्ड हैं। आईजैक के पिता को पार्किंसन (Parkinson’s) बीमारी है, और उन्होंने इस परेशानी को बहुत करीब से महसूस किया है। इसके चलते, उन्हें यह समझ में आया कि इस तरह की समस्याओं को रिवर्स नहीं किया जा सकता, लेकिन बचाव किया जा सकता है। वहीं राहुल का परिवार केरल से है, और वह पहले दुबई में काम करते थे।
कैसे आया Ivory का आइडिया?
फाउंडर्स ने बताया कि वे 2022 में एंटलर के को-फाउंडर्स प्रोग्राम में मिले थे। वहीं, दोनों को कोविड हो गया और एक-दूसरे से बातचीत शुरू हुई। इस बातचीत के दौरान, उन्हें एहसास हुआ कि वे दोनों एक ही मिशन पर काम करना चाहते हैं, और इस प्रकार Ivory स्टार्टअप का जन्म हुआ।
लॉन्च और विकास
Ivory ने जनवरी 2024 में अपना ऐप लॉन्च किया। शुरू में, कंपनी के पास 150 पेड कस्टमर्स थे, और 1500 मंथली एक्टिव यूजर्स थे। अब, यह संख्या बढ़कर 4500 एक्टिव यूजर्स तक पहुंच चुकी है। कंपनी का रिटेंशन रेट 20 फीसदी है, और रोजाना 500-600 यूजर इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं।
नमिता का 50 लाख रुपये का ऑफर
Ivory के फाउंडर्स ने अपने स्टार्टअप के लिए 1.25 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये की फंडिंग की मांग की थी। हालांकि, अधिकतर शार्क्स को यह मार्केट छोटा लगा और वे डील से बाहर हो गए। लेकिन नमिता ने इस स्टार्टअप को 5 फीसदी इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये का ऑफर दिया, जिसे फाउंडर्स ने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया।
मिशन को और बड़ा बनाने का मौका
Ivory का स्टार्टअप डिमेंशिया जैसी गंभीर समस्या से बचने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह गेमिंग ऐप न सिर्फ दिमागी क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि भविष्य में होने वाली समस्याओं से भी बचाता है। शार्क टैंक इंडिया में मिली फंडिंग से Ivory को अपने मिशन को और बड़ा बनाने का मौका मिलेगा, और इस स्टार्टअप की सफलता से अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी जो ऐसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। ऐसै में अगर आप भी अपनी मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करना चाहते हैं, तो Ivory ऐप को आज़माना एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
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