सरोजनी नगर (Sarojini Nagar)…जहां शापिंग करना सिर्फ दिल्लीवालों की ही पसंद नहीं है वरन देश के कोने कोने से लोग आते हैं। ब्रांडेड कपड़ों से लेकर आभूषण तक की खरीदारी यहां की जा सकती है। तभी तो बाजार खुलने के साथ ही लोगों के आने का जो सिलसिला शुरू होता है वो हर गुजरते क्षण के साथ बढ़ता जाता है। शापिंग के बाद, हाथों में सामान लिए लोगों को सिर्फ एक ही चीज सुहाती है और वो है कुछ गर्मागर्म जायका मिल जाए। और ये ख्वाहिश पूरी होती है मोहन स्वीट हाउस (Mohan Sweets House) पर। सन 1968 से यह दुकान स्वाद के शौकीनों का पसंदीदा ठौर है। यहां के छोले भटूरे, सब्जी भाजी, छाछ, दही पापड़ी, बर्गर समोसा खाने दूर दूर से लोग आते हैं।
पंजाब का स्वाद चखाया
मूलरूप से पंजाब के रहने वाले महेन्द्र कारोबार करना चाहते थे। लिहाजा उन्होंने दिल्ली की तरफ रुख किया और सन 1958 में यहां आए। सरोजनी नगर के बापू मार्केट में इसी साल उन्होंने अपनी एक छोटी सी दुकान खोली। पंजाबी हाथों से उत्तर भारतीयों के पसंदीदा समोसे एवं छोले बहुत जल्द लोगों की जुबां पर चढ़ गए। हालत यह थी कि सरोजनी नगर का पर्याय ही महेन्द्र बन गए। ग्राहकों की तादात बढ़ने पर उन्होंने लड्डू और कचौड़ी भी मेन्यू में शामिल हुए। 26 अक्टूबर 2002 को निधन के बाद इनके दोनों बेटे धर्मेन्द्र और जितेन्द्र दुकान संभालने लगे।
कारवां बढ़ता गया
धर्मेन्द्र कहते हैं कि यहां छोले भटूरे सफाई एवं शुद्ध सामान से बनाए जाते हैं। छोले भटूरे के साथ छाछ का कंबिनेशन भी हेाता है। यही वजह है कि ग्राहक पसंद करते हैं। वैसे दुकान पर पनीर जलेबी भी खूब पसंद की जाती है। यहां पर लोग आते हैं तो बर्गर समोसा की जरुर डिमांड करते हैं। बर्गर समोसा में आखिर खास क्या है? इस सवाल पर धर्मेन्द्र कहते हैं कि समोसा की जगह बर्गर के बेस में हम गोभी, गाजर, प्याज से लेकर बर्गर बनाने में प्रयोग होने वाले सभी खाद्य सामग्री भरते हैं। यहां की भाजी पूरी ठेठ देशी अंदाज में घर की तरह बनाई जाती है। मसाले दुकान से नहीं खरीदे जाते हैं। दुकान पर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि साबुत मसाला खरीदा जाता है एवं फिर इसे घर पर बनाया जाता है। अलग अलग जायके के लिए मसाले बनाए जाते हैं ताकि लोगों को घर से भी बेहतर स्वाद मिले। वेज खाना खाने वालों के लिए तो यहां के मेन्यू में कई जायके हैं जो उन्हें पसंद आते हैं। मसलन, दाल तड़का, मटर पनीर, पराठा भी मिलता है।
नदीम अहमद कहते हैं कि मैं जब भी शापिंग करने सरोजनी नगर आता हूं तो यहां के छोले भटूरे जरुर खाता हूं। यहां की पाव भाजी भी बहुत शानदार है। जबकि अक्षय कहते हैं कि यहां की पापड़ी चाट, पनीर समोसा मुझे सबसे ज्यादा पसंद है। जब मैं पहली बार यहां आया था तो जलेबी खाया था लेकिन अब तो ऐसा है कि बिना जलेबी खाए सरोजनी नगर की शापिंग अधूरी लगती है। सपना अपने बच्चों के साथ चाट का स्वाद चख रही हैं। कहती हैं कि आलू टिक्की बेमिसाल है। धनिया की चटनी बहुत ही स्वादिष्ट होती है। टिक्की के उपर दही सर्व करना भी अच्छा प्रयोग है।
दुकान-महेंद्र स्वीटस हाउस
स्थल-बापू बाजार, सरोजनी नगर
समय-सुबह साढ़े आठ बजे से रात दस बजे तक।
शुल्क। प्रति दो व्यक्ति 300 रुपये न्यूनतम।
नजदीकी मेट्रो-सरोजनी नगर।