पारसी समुदाय के किसी कारोबारी को कमान सौंपे जाने को लेकर चर्चा तेज

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

Ratan tata death: प्रख्यात उद्योगपति रतन टाटा का निधन भारतीय उद्योग जगत के लिए एक बड़ी क्षति है। रतन टाटा अपने पीछे एक विशाल व्यापारिक साम्राज्य और एक गौरवशाली विरासत छोड़ गए हैं। टाटा समूह की कुल संपत्ति लगभग 165 अरब अमेरिकी डॉलर आंकी जाती है। उनके निधन के बाद यह सवाल उठता है कि अब टाटा समूह की बागडोर किसके हाथ में होगी? आइए जानते हैं कि समूह का अगला नेतृत्वकर्ता कौन हो सकता है।

टाटा ट्रस्ट्स की भूमिका

Ratan tata death: रतन टाटा ने किसी को औपचारिक रूप से अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया था, लेकिन टाटा समूह की संरचना इस तरह से बनाई गई है कि इसका नेतृत्व टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से ही चुना जाएगा। टाटा समूह के दो प्रमुख ट्रस्ट हैं – सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट, जो टाटा संस में संयुक्त रूप से 52% हिस्सेदारी रखते हैं। टाटा संस टाटा समूह की कंपनियों का संचालन करती है, जिनमें विमानन, एफएमसीजी और ऑटोमोबाइल जैसी बड़ी इंडस्ट्रीज शामिल हैं।

कौन हैं प्रमुख दावेदार?

Ratan tata death: नोएल टाटा का नाम टाटा ट्रस्ट्स के नए अध्यक्ष के लिए सबसे मजबूत दावेदारों में माना जा रहा है। नोएल, जो रतन टाटा के सौतेले भाई हैं और ट्रेंट लिमिटेड के चेयरमैन हैं, ने पिछले कई दशकों से टाटा समूह के विभिन्न पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह कई प्रमुख टाटा कंपनियों जैसे टाइटन, टाटा स्टील, और ट्रेंट के बोर्ड में शामिल हैं। 2019 में, उन्हें सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया गया और 2022 में उन्हें सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट में भी जोड़ा गया।

अन्य प्रमुख ट्रस्टी:

नोएल टाटा के अलावा, कुछ अन्य ट्रस्टी भी इस भूमिका के लिए संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं। इनमें पूर्व रक्षा सचिव विजय सिंह, ऑटोमोबाइल क्षेत्र के प्रमुख वेणु श्रीनिवासन, व्यवसायी मेहली मिस्त्री, और वकील डेरियस खंबाटा के नाम शामिल हैं। हालांकि, इस पद के लिए नोएल टाटा का नाम सबसे आगे माना जा रहा है।

पारसी समुदाय की भूमिका

टाटा ट्रस्ट्स के नेतृत्व को लेकर एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि अब तक सिर्फ पारसी समुदाय के सदस्यों ने ही इस पद की जिम्मेदारी संभाली है। नोएल टाटा की नियुक्ति इस परंपरा को बनाए रखने में सहायक होगी और इससे पारसी समुदाय के हित भी जुड़े रहेंगे। अगर नोएल टाटा को ट्रस्ट का अध्यक्ष नियुक्त किया जाता है, तो वह सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के 11वें और सर रतन टाटा ट्रस्ट के 6ठे अध्यक्ष बन सकते हैं।

चुनाव प्रक्रिया

टाटा ट्रस्ट्स के नए प्रमुख का चुनाव ट्रस्टियों के बहुमत के आधार पर किया जाएगा। ट्रस्ट के उपाध्यक्ष विजय सिंह और वेणु श्रीनिवासन भी इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन उनकी अध्यक्ष बनने की संभावना कम मानी जा रही है।

समूह का भविष्य

रतन टाटा के निधन से टाटा समूह के शेयरों पर थोड़ी अस्थिरता का प्रभाव देखने को मिला, खासकर टाटा पावर और टाटा इन्वेस्टमेंट जैसी प्रमुख कंपनियों में। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि टाटा समूह की आर्थिक स्थिरता और मजबूत नींव इसे इस अस्थिरता से जल्द उबार लेगी।

रतन टाटा ने अपने जीवनकाल में टाटा समूह को जिस ऊंचाई तक पहुंचाया, उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व से टाटा समूह का भविष्य सुरक्षित नजर आता है। अब, उनके उत्तराधिकारी का चयन समूह के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जो इसे नए युग में ले जाएगा। टाटा ट्रस्ट्स के नए अध्यक्ष की घोषणा के साथ यह साफ होगा कि कौन रतन टाटा की विरासत को आगे ले जाएगा। नोएल टाटा इस रेस में सबसे आगे नजर आ रहे हैं, लेकिन अंतिम निर्णय ट्रस्ट के सभी सदस्यों के बहुमत पर आधारित होगा।

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