शीशगंज गुरुद्वारे के अतिरिक्त दिल्ली में सिखों के आठ अन्य पवित्र स्थान हैं, जो मुस्लिम काल के ही हैं और जिनकी सिखों में बड़ी मान्यता है। आइए गुरुद्वारा रकाबगंज का इतिहास जानते हैं।

यह नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन और लोकसभा भवन के बिल्कुल नजदीक है। यह शीशगंज से चार मील के फासले पर है। इस नाम का यहां गांव था, उस पर ही इसका नाम रकाबगंज पड़ा। औरंगजेब ने गुरु तेगबहादुर की गर्दन उतरवा ली थी। उनकी शहादत के बाद उनके सिर को आनंदपुर ले जाया गया, जहां उस पर समाधि बन गई और धड़ को यहां रकाबगंज में लाकर समाधिस्थ किया गया।

यह कैसे हुआ, उसकी भी रिवायत है कि लक्खी शाह नाम का एक व्यापारी गुरु जी का भक्त था । इत्तफाक से जिस दिन गुरु साहब का शरीरांत हुआ, वह चांदनी चौक से अपना एक काफिला लेकर गुजर रहा था, जिसमें बहुत-से माल से भरे छकड़े थे। मौका पाकर वह गुरु जी के शरीर को अपने एक छकड़े में रखकर रकाबगंज में अपने घर ले आया।

शरीर को गुप्त रूप से समाधिस्थ करने के लिए और कोई निशानी बाकी न रहे, इसका ध्यान करके, उसने अपने घर में आग लगा दी। थोड़ी देर बाद, बादशाह के अहलकार तहकीकात करने आए, मगर वहां मकान को आग लगी देखकर और घर वालों को रोता देखकर अफसोस जाहिर करते लौट गए। मौजूदा गुरुद्वारा उसी घर के स्थान पर बना हुआ है। पहला गुरुद्वारा 1857 के गदर में मिसमार हो गया था और मुसलमानों ने यहां मस्जिद बनी ली थी। 1861 में हाईकोर्ट के हुक्म के अनुसार यह स्थान सिखों को वापिस लौटा दिया गया। अब यह नए सिरे से बन रहा है।

इस गुरुद्वारे में 11 एकड़ जमीन है। बीच में आठ फुट ऊंची कुर्सी देकर 120-120 फुट का चबूतरा बनाया गया है, जिसकी दस सीढ़ियां संगमरमर की हैं। चबूतरे के मध्य में बड़ी विशाल इमारत बनाई जा रही है, जो अंदर से 60 फुट 60 फुट है। इसकी ऊंचाई पचास फुट हैं। अंदर के भाग में पुराने जमाने का समाधि स्थान बना हुआ है, जो एक कमरे की शक्ल का है। उसके चारों ओर द्वार हैं, ऊपर गुंबद है। कमरे में गुरु महाराज की समाधि है।

पौष वदी सप्तमी को यहां गुरु गोविंद सिंह का जन्मदिन मनाया जाता है। गुरु गोविंद सिंह के निम्न हथियार यहां रखे हुए हैं:- एक तलवार, एक दोधारा खंडा, एक खंजर और दो कटारें। ये हथियार आनंदपुर से यहां माता साहिब कौर लेकर आई थीं। मृत्यु के समय उन्होंने इन हथियारों को माता सुंदरी को दे दिया और उन्होंने मरते समय जीवन सिंह को इन हथियारों को इस गुरुद्वारे में दे दिया।

Spread the love

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here