भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के नए एआई आधारित तकनीकों से वर्षा और अन्य मौसम पूर्वानुमानों की सटीकता में वृद्धि की उम्मीद

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
भारत में मौसम पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार लाने के लिए अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में जानकारी दी कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के सहयोग से कृषि-मौसम पर सलाह जारी की जाएगी, और नई AI-आधारित तकनीकें मौसम पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार करेंगी।

भारत में मौसम पूर्वानुमान की सटीकता बढ़ाने के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) एल्गोरिदम का इस्तेमाल करेगा। इस पहल का उद्देश्य विशेष रूप से अत्यधिक वर्षा की भविष्यवाणी की सटीकता में सुधार लाना है। इसके तहत रैंडम वन मॉडल का उपयोग किया जाएगा, जो अत्यधिक वर्षा के पूर्वानुमान में सहायक होगा।

इसके अलावा, उच्च रिज़ॉल्यूशन पर मॉडल आउटपुट को डाउनस्केल करने के लिए विभिन्न न्यूरल नेटवर्क-आधारित मॉडल जैसे कन्वोल्यूशनल न्यूरल नेटवर्क (CNN), सुपर-रिज़ॉल्यूशन CNN (SRCNN) और जेनरेटिव एडवर्सरियल नेटवर्क (GAN) का इस्तेमाल किया जाएगा। ये मॉडल मौसम पूर्वानुमान के विभिन्न पैरामीटर जैसे क्यूम्यलस, विकिरण और भूमि-सतह पर आधारित आंकड़ों को बेहतर बनाएंगे।

AI/ML तकनीकें अब मौसम से संबंधित बड़ी मात्रा में डेटा को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने और डेटा समावेश क्षमताओं को बढ़ाने में भी मदद करेंगी।

इसके साथ ही, IMD ने पूरी तरह से AI-आधारित मौसम पूर्वानुमान मॉडल विकसित किए हैं, जैसे कि फोरकास्टनेट, ग्राफकास्ट और पंगु वेदर, जो भारतीय क्षेत्र में पूर्वानुमान की सटीकता को और बढ़ाने के लिए तैयार किए जा रहे हैं।

यह पहल भारतीय कृषि समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि IMD और ICAR मिलकर कृषि-मौसम पर सप्ताह में दो बार सलाह जारी करेंगे।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में इस बारे में एक लिखित उत्तर दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि इस नई पहल से भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के कामकाजी ढांचे को और सशक्त किया जाएगा और कृषि क्षेत्र में लाभ होगा।

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