हाइलाइट्स

  • लोलिता किताब की अब तक 5 करोड़ कापियां बिक चुकी हैं
  • दुनिया की छह सबसे ज्यादा विवादास्पद किताब में शामिल
  • लाल बहादुर शास्त्री ने किताब बैन करने की मांग की, नेहरू ने मना कर दिया

लोलिता(Lolita novel) दुनिया की सर्वाधिक विवादित छह किताबों में से एक है। इस उपन्यास का लेकर 65 साल बाद भी बहुत से लोग असहज महसूस करते हैं। इसे लेकर काफी बवाल हुआ, सवाल यह है कि जब यह उपन्यास विवादित था तो फिर भारत में बैन क्यों नहीं हुई। वो भी तब जब लाल बहादुर शास्त्री (lalbahadur shastri) से लेकर तमाब बड़े नेता पंडित जवाहर लाल नेहरू (jawaharlal nehru) को पत्र लिख चुके थे। नेहरू ने क्यों पत्र लिखकर इसे बैन नहीं करने की बात कही। जब ये उपन्यास प्रकाशित हुआ तब भारत में लेडी चटर्लीज लवर पर प्रतिबंध लगा हुआ था।

यह किताब फ्रांस में सितंबर 1955 में प्रकाशित हुई थी। इसके छपते ही दुनियाभर में भूचाल आ गया। इसपर प्रतिबंध लगाने की चौतरफा मांग उठने लगी। रूस और फ्रांस ने इस किताब के छपने के कुछ दिनों बाद ही बैन लगा दिया। भारत में जब ये किताब आई तो सरकार के कई बड़े मंत्री और नेता इसपर प्रतिबंध लगाने की पैरवी किए।

मुंबई कस्टम ने किताबों के पैकेट को रोक लिया
अभिनव चंद्रचूड़ की किताब “रिपब्लिक ऑफ रेटोरिक -फ्री स्पीच एंड द कांस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया”(Republic of Rhetoric: Free Speech and the Constitution of India) में इस बारे में लिखा है कि 1959 में मुंबई के जयको पब्लिशिंग हाउस ने विदेश से इसकी कुछ प्रतियां मंगवाई थी। बांबे के कस्टम कलेक्टर ने इसे यह कहकर रोक लिया कि इसकी सामग्री अश्लील हो सकती है।

शास्त्री की भी बैन करने की मंशा थी

कुलदीप नैयर ने अपनी किताब “बियांड द लाइंस – एन आटोबायोग्राफी” में इस पर विस्तार से लिखा है। उन्होने लिखा है कि कांग्रेस के किसी नेता ने लालबहादुर शास्त्री को पुस्तक के बारे में बताया। उन्हें लिखा कि पुस्तक भंडारों में अभी अभी पहुंची लोलिता इतनी अश्लील है कि इसे बैन कर देना चाहिए। शास्त्री जी ने तत्काल पंडित नेहरू को पत्र लिखा। 24 घंटे के अंदर नेहरू ने जवाब दे दिया। उन्होंने इस विषय पर विस्तार से बहस करते हुए लिखा कि लोलिता को क्यों बैन नहीं किया जाना चाहिए और लेडी चटर्लीज लवर पर आगे भी बैन क्यों जारी रहना चाहिए। आखिरकार लोलिता पर बैन नहीं लगा।

अमेरिका को छोड़ दुनियाभर में बैन हुई
यह किताब फ्रांस, सोवियत संघ, इंग्लैंड, अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड समेत कई देशों में बैन हुई थी। केवल अमेरिका में किताब बैन नहीं थी। ब्रिटेन में यह रोक 1959 तक रही।

Spread the love

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here