आजादी के अमृत महोत्सव एवं भारत- रूस के राजनायिक संबंधों के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र एवं भारत स्थित रूसी दूतावास के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। दो दवसीय अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस भारत एवं रूस के महान साहित्यिक विभूतियों के जीवन एवं रचना- संसार को लेकर- ” स्थल की महत्ता: भारत और रूस में साहित्यिक संग्रहालय” विषय पर केंद्रित था।

कार्यक्रम की शुरूआत दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अध्यक्ष प्रो. रमेश चंद्र गौड़ (विभागाध्यक्ष कलानिधि, आईजीएनसीए) के स्वागत तथा सम्मेलन के आयोजन के बारे मिन वक्तव्य के साथ हुई। सम्मेलन का उद्घाटन दिनीस आलिपोव( रूसी राजदूत), व्लादिमीर टालस्टॉय ( सांस्कृतिक सलाहकार महामहिम राष्ट्रपति रूस) , डॉ. सच्चिदानंद जोशी ( सदस्य सचिव, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र), मुग्धा सिन्हा ( संयुक्त सचिव, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार) ने किया।

इस मौके पर रूसी राजदूत दिनीस आलिपोव ने भारत- रूस के मैत्री संबंधों को रेखांकित करते हुए अपनी शुभकामनाएं दी। डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने भारत- रूस मैत्री संबंधों के आलोक में कहा कि साहित्यिक संग्रहालय को लेकर आयोजित ये सम्मेलन दोनों देशों को साहित्यिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से और गहराई से जोड़ेगा, साथ ही एक- दूसरे के सहयोग से भारत में साहित्यिक संग्रहालय को विकसित करने में मदद मिलेगी। सम्मेलन में भारत और रूस के 24 प्रतिनिधियों ने शोध-पत्र के माध्यम से अपने विचार रखे।

रूस के 18 संग्रहालयों के निदेशक/प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिसमें प्रमुख रूप से रूस के महान साहित्यकार ल्येफ तलस्तोइ (लियो टॉलस्टाय)के जन्मस्थान से जु़ड़े प्रसिद्ध यास्याना- पाल्याना संग्रहालय की अकादमिक निदेशक डॉ. गलीना अलिक्सेयेवा, मिखाइल शोलोखव संग्रहालय के डॉ. वलेरिया शोलखव, दस्तायेव्स्की संग्रहालय के डॉ. द्मित्री बाक रहे।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल से प्रमुख रूप से डॉ. गिरीश मुंजाल ने ” साहित्यिक धरोहर एवं स्थल वर्णन: भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, अलेक्सांदर पुश्किन,ल्येफ तलस्तोइ और मुंशी प्रेमचंद “पर, वागीश शुक्ल ने सुमित्रानंदन पंत, माधवराव सप्रे एवं गजानन माधव मुक्तिबोध त्रिवेणी संग्रहालय पर, विजेन्द्र कुमार ने शिव मंदिर की स्थापत्य कला को लेकर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया। दो दिवसीय सम्मेलन का समापन प्रसिद्ध नृत्यांगना, पद्मविभूषण पुरस्कार से सम्मानित राज्यसभा सदस्य डॉ. सोनल मान सिंह ने किया।

सम्मेलन के साथ ही भारत- रूस के संग्रहालय पर रशियन हाउस में फ़िल्म महोत्सव का आयोजन किया गया, जहां संग्रहालय पर आधारित डाक्यूमेंट्री फ़िल्में दिखाई गई, इनमें यास्याना पाल्याना,मिखाइल शोलोखव, ग़ालिब की हवेली, सुमित्रानंदन पंत प्रमुख रही| दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अध्यक्ष प्रो. रमेश चंद्र गौड़ (विभागाध्यक्ष कलानिधि, आईजीएनसीए) एवं सम्मेलन सचिव डॉ. गिरीश मुंजाल ( एसोसिएट प्रोफेसर,रूसी भाषा दिल्ली विश्वविद्यालय) रहे| कार्यक्रम में विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता प्रो. विनय टोटावर, डॉ. गलीना अलिक्सेयेवा, डॉ. गिरीश मुंजाल, प्रो. करपेंकों आदि ने की| दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं फ़िल्म महोत्सव का संचालन डॉ. गिरीश मुंजाल ने किया।

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