बिहार के किसानों ने बीआईएचपीआरओ के उद्घाटन का किया स्वागत

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

Bihar news: बिहार के किसानों के लिए बृहस्पतिवार का दिन ऐतिहासिक रहा। प्रदेश के किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) ने किसानों के पहले महासंघ (फेडरेशन) बीआईएचपीआरओ का शुभारंभ किया। देश की अग्रणी कृषि-मूल्य श्रृंखला प्रवर्तक संस्था ‘समुन्नति’ ने बीआईएचपीआरओ के साथ इसके सहयोगियों को वित्तीय समेत कई अन्य तरह की सहायता प्रदान करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। 

जानकारी के अनुसार बीआईएचपीआरओ और समुन्नति शुरुआत में 7 प्रमुख फसलों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करेंगे। जिनमें मक्का, लीची, गेहूं, आम, सब्जियां और हल्दी आदि शामिल हैं। बीआईएचपीआरओ से अब तक 10 एफपीओ जुड़ चुके हैं। नियमित कार्यशालाओं और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए एफपीओ की संख्या बढ़ाकर इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 8 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। फेडरेशन के विकास और इसके उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए समुन्नति आर्थिक, बाजार तक पहुंच, तकनीकी इनपुट से लेकर प्रशिक्षण तक की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

समुन्नति के निदेशक प्रवेश शर्मा ने कहा कि- उचित सहायता और बाजार के नए अवसरों के विकल्प के साथ बिहार के किसान अपने विश्व स्तरीय कृषि उत्पादों से कृषि क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं। बकौल प्रवेश शर्मा “समुन्नति, देश के हर किसान को सशक्त बनाने के लिए मिशन मोड पर कार्य कर रही है। ताकि किसान ना केवल अच्छी कमाई करे बल्कि सम्मान एवं संतुष्टि के साथ खेती करें।

सम्मेलन आयोजित

बीआईएसपीआरओ के जरिए किसानों से जुड़े मुद्दों को प्रादेशिक और राष्ट्रीय मंचों पर उठाना है। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए समुन्नति ने मुजफ्फरपुर में एफपीओ किक-ऑफ शिखर सम्मेलन आयोजित किया। जिसमें बिहार के 50 से अधिक किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) के प्रतिनिधि शामिल हुए। यह शिखर सम्मेलन कई मायनों में किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ। इसके जरिए किसान, इंडस्ट्री समेत कृषि जगत से जुड़े विभिन्न स्टेक होल्डर एक मंच पर साथ आए और अनुभव साझा किए।


बीआईएचपीआरओ से जुड़े किसान

आयोजकों ने बताया कि शिखर सम्मेलन का मकसद किसानों को बीआईएचपीआरओ का सदस्य बनने, इससे जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना था। सम्मेलन में विभिन्न परिचर्चाओं के माध्यम से समुन्नति से जुड़कर किसानों को आर्थिक लाभ पहुंचाने वाली विभिन्न योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।

किसानों की आवाज बनी समुन्नति

सम्मेलन में सभी ने एक स्वर में यह स्वीकार किया कि अभी तक बिहार में किसान उत्पादक संगठन यानी एफपीओ खंडित तरीके से संचालित होते थे। ये संगठन ब्लॉक स्तर तक ही सीमित थे। पहली बार समुन्नति किसानों की दमदार आवाज बनकर उभरा। समुन्नति के सहयोग से राज्य स्तरीय फेडरेशन के गठन से किसानों की समस्याओं को राष्ट्रीय मंचों पर भी प्रभावी तरीके से रखा जा सकेगा। इससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक किसानों की पहुंच सुनिश्चित होगी। बीआईएचपीआरओ इसके लिए गंभीरता से प्रयास करेगा।

विश्वसनीय मंच बनेगा बीआईएचपीआरओ

बीआईएचपीआरओ का लक्ष्य नेटवर्किंग और कृषि संबंधी साझेदारी के लिए विभिन्न एजेंसियों, संस्थाओं और कंपनियों के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करना है। ये साझेदारी वित्त, प्रौद्योगिकी से लेकर बाजार संपर्क तक एफपीओ को सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक हैं। इतना ही नहीं बीआईएचपीआरओ, विभिन्न कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए किसानों और संगठनों को विश्व स्तरीय उन्नत खेती के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करेगा।

नाबार्ड, एसएफएसी, बिहार सरकार और खरीददारों/आपूर्तिकर्ताओं के सहयोग से बीआईएचपीआरओ की गतिविधियों को व्यापक कृषि नीतियों और बाजार की जरूरतों के साथ जोड़ा जाएगा, जिससे इसकी वित्तीय और रसद सहायता सुनिश्चित की जा सके।

समुन्नति के बारे में:-

भारत का सबसे बड़ा कृषि उद्यम, समुन्नति छोटे किसानों को केंद्र में रखकर भारतीय कृषि की ट्रिलियन-डॉलर से अधिक की क्षमता को अनलॉक करता है। अपने नाम के अनुरूप, समुन्नति कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के लिए सामूहिक विकास और सामूहिक समृद्धि का प्रतीक है। समुन्नति के कृषि, वाणिज्य और कृषि-वित्त समाधान इससे जुड़े किसान समूहों और बड़े पारिस्थितिकी तंत्र को अधिक कुशल और उत्पादक बनाने में सक्षम बनाते हैं। समुन्नति की भारत के 23 राज्यों में फैली 100 से अधिक कृषि-मूल्य श्रृंखलाओं में उपस्थिति है। वर्तमान में समुन्नति की 6500 से अधिक किसान समूहों तक पहुंच है, जिससे 8 मिलियन से अधिक किसान जुड़े हैं। समुन्नति का लक्ष्य 2027 तक अपने नेटवर्क के माध्यम से प्रत्येक 4 कृषक परिवारों में से 1 को प्रभावित करना है।

Spread the love

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here