सेबी ने बोनस शेयर ट्रेडिंग के नियमों में किया बदलाव
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
bonus share news: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने निवेशकों के लिए बोनस शेयरों के व्यापार में तेजी लाने के उद्देश्य से एक नया दिशानिर्देश जारी किया है। इस नए नियम के तहत, अब निवेशक रिकॉर्ड तिथि के केवल दो कार्यदिवस (T+2) के भीतर बोनस शेयरों में ट्रेडिंग कर सकेंगे। यह बदलाव 1 अक्टूबर, 2024 से लागू होगा और इसके बाद घोषित सभी बोनस शेयरों पर यह नियम प्रभावी रहेगा।
मौजूदा प्रक्रिया में बदलाव
वर्तमान में, SEBI के ICDR (पूंजी और खुलासा आवश्यकताएं जारी करना) नियमों के तहत बोनस शेयर जारी करने के लिए समयसीमा निर्धारित की गई है, लेकिन रिकॉर्ड तिथि के बाद बोनस शेयरों को निवेशकों के खातों में डालने और उनके व्यापार के लिए कोई निश्चित समयसीमा नहीं थी। अभी तक, बोनस शेयर मिलने के बाद, मौजूदा शेयरों का व्यापार उसी ISIN (भारतीय प्रतिभूति पहचान संख्या) के तहत जारी रहता है, जबकि नए बोनस शेयर रिकॉर्ड तिथि के बाद दो से सात कार्यदिवसों के भीतर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होते थे।
नए नियम से होगी तेजी
सेबी द्वारा जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार, अब बोनस शेयरों में ट्रेडिंग रिकॉर्ड तिथि के मात्र दो कार्यदिवस (T+2) में ही शुरू हो सकेगी। इससे बाजार की दक्षता में सुधार होगा और ट्रेडिंग में होने वाली देरी कम होगी। SEBI ने अपने सर्कुलर में कहा है कि इस बदलाव का लाभ निवेशकों और जारीकर्ताओं दोनों को मिलेगा, क्योंकि बोनस शेयरों के आवंटन और उनके व्यापार के बीच समय अंतराल में कमी आएगी।
निवेशकों के लिए चेतावनी
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने हाल ही में निवेशकों को एक फ्रॉड गतिविधि के बारे में सतर्क किया है। यह गतिविधि ‘लाजार्ड एसेट मैनेजमेंट इंडिया’ नामक इकाई द्वारा की जा रही थी। NSE को एक व्हाट्सऐप समूह ‘जो हैम्’ के खिलाफ शिकायतें मिली थीं, जिसमें यह समूह निवेशकों को बाजार समय के बाद रियायती कीमतों पर शेयर खरीदने के लिए प्रेरित कर रहा था। इसके तहत, इस समूह ने कथित रूप से ‘सीट ट्रेडिंग अकाउंट’ के नाम पर खुदरा निवेशकों से धन एकत्र किया। इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए NSE ने निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
SEBI के इस नए दिशानिर्देश से निवेशकों को बोनस शेयरों में तेज़ी से ट्रेडिंग करने का मौका मिलेगा, जिससे बाजार की कार्यकुशलता में सुधार होगा। वहीं, NSE की चेतावनी से निवेशकों को फर्जीवाड़े से सतर्क रहना आवश्यक है, ताकि वे ऐसे समूहों के जाल में फंसने से बच सकें।