क्लेम रिजेक्ट ना हो, इसलिए सतर्क रहें

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

car insurance: मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत सभी वाहन मालिकों के लिए मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी लेना अनिवार्य है। यह पॉलिसी वाहन के नुकसान, चोरी और थर्ड-पार्टी की कानूनी देयताओं से सुरक्षा प्रदान करती है। हालांकि, कुछ परिस्थितियों में इंश्योरेंस कवर नहीं मिलता, जिससे आपका क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। यहां कुछ ऐसी महत्वपूर्ण बातें बताई जा रही हैं, जिन्हें जानकर आप बड़े नुकसान से बच सकते हैं।

 1. नियमित टूट-फूट की स्थिति में कवरेज नहीं

गाड़ी समय के साथ पुरानी होती जाती है और उसके रखरखाव की जरूरत बढ़ जाती है। लेकिन, मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी गाड़ी की नियमित टूट-फूट, मेंटेनेंस या सर्विसिंग के लिए कवर नहीं करती है। इसलिए आपको इन खर्चों का खुद ख्याल रखना होगा।

 2. निजी सामान का नुकसान

अगर आपकी गाड़ी में चोरी या तोड़फोड़ होती है, तो बीमाकर्ता गाड़ी के नुकसान की भरपाई करता है, लेकिन कार में रखे निजी सामान जैसे लैपटॉप, फोन या अन्य कीमती वस्तुओं की क्षति का कवर नहीं देता है। निजी सामान को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें हमेशा सुरक्षित जगह पर रखें।

 3. जरूरी दस्तावेजों की अनुपस्थिति में क्लेम रिजेक्ट

ड्राइविंग लाइसेंस, पीयूसी सर्टिफिकेट, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और बीमा पॉलिसी जैसे जरूरी दस्तावेजों के बिना गाड़ी चलाना अवैध है। दुर्घटना की स्थिति में अगर आपके पास ये दस्तावेज नहीं होते हैं, तो इंश्योरेंस कवर नहीं मिलेगा। सभी वैध दस्तावेज़ अपने पास रखना अनिवार्य है।

 4. वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए पर्सनल कार का इस्तेमाल

अगर आप अपनी निजी गाड़ी का उपयोग किसी वाणिज्यिक उद्देश्य, जैसे व्यापारिक सामान ढोने, के लिए करते हैं और यह दुर्घटना का शिकार होती है, तो इंश्योरेंस क्लेम अस्वीकार कर दिया जाएगा। वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए अलग बीमा पॉलिसी की जरूरत होती है।

 5. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन

अगर आप ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं, जैसे नशे में गाड़ी चलाना, लाल बत्ती पार करना या लापरवाही से ड्राइविंग, और इस दौरान दुर्घटना होती है, तो बीमाकर्ता कोई भी क्लेम कवर नहीं करेगा। ट्रैफिक नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है।

 6. दूसरे की गाड़ी का इस्तेमाल

यदि आप किसी अन्य व्यक्ति की गाड़ी चला रहे हैं या किराए पर ली गई गाड़ी का उपयोग कर रहे हैं और दुर्घटना होती है, तो इंश्योरेंस क्लेम खारिज हो जाएगा। बीमा सिर्फ पॉलिसीधारक के नाम पर रजिस्टर्ड गाड़ी के लिए ही मान्य होता है।

 7. बीमा पॉलिसी का नवीनीकरण न होना

यदि आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी एक्सपायर हो चुकी है और आप दुर्घटना का शिकार होते हैं, तो आपका बीमाकर्ता क्लेम पर विचार नहीं करेगा। पॉलिसी का समय पर नवीनीकरण कराना आपकी जिम्मेदारी है, ताकि आप कवरेज में बने रहें।

 8. कार में बदलाव की सूचना न देना

यदि आप अपनी गाड़ी में ब्रेकिंग सिस्टम, इंजन अपग्रेड, या अन्य मोडिफिकेशन करते हैं और बीमाकर्ता को इसकी जानकारी नहीं देते हैं, तो क्लेम रिजेक्ट हो सकता है। बीमा कंपनी को हर अपडेट की जानकारी देना आवश्यक है, ताकि आपकी पॉलिसी उसके अनुसार अपडेट रहे।

इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, अपनी बीमा पॉलिसी की शर्तों को अच्छी तरह समझें ताकि किसी भी अनचाही स्थिति में आपका क्लेम सुरक्षित रहे और आपको बड़ा नुकसान न झेलना पड़े।

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