छह साल से जेएनयू के पर्यावरण संस्थान में हो रहा सरस्वती पूजा का आयोजन

जेएनयू के पर्यावरण संस्थान में आज वसंत पंचमी पर भव्य सरस्वती पूजा एवं हवन का आयोजन किया गया जिसमे संस्थान के अलावा पूरे जेएनयू के छात्रों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। पर्यावरण संस्थान में सरस्वती पूजा का यह लगातार छठवां साल है, जिसके साथ बड़ा है रोचक इतिहास भी जुड़ा है।

पहली बार इस संस्थान में 2005 में सरस्वती पूजा का अयोजन। किया गया था, जो आगे जारी नही रह सका। आगे 2018 में छात्रों द्वारा संस्थान स्तर पर ही पुनः पूजा की शुरुवात की गई लेकिन वाम पंथियों द्वारा इसका बहुत विरोध किया गया। वामपंथी छात्रों ने पूजा के समय ही संस्थान के गेट पर नारे बाजी की और पर्चे बांटे लेकिन संस्थान के छात्र डटे रहे और पूजा संपन्न की। अगले वर्ष से संथन के गेट पर ही छात्रों ने पूजा का आयोजन करना शुरू किया जिसमे संपूर्ण जेएनयू के छात्र सम्मिलित होने लगे तथा और भव्य आयोजन होने लगा। इतने सारे भक्त छात्रों के एक साथ आने से विरोध करने वाले वामपंथी छात्रों की हिम्मत जवाब दे गई और विरोध जाता रहा।

तब से प्रति वर्ष बहुत ही धूम धाम हवन पूजन के साथ और पद्धतियों के साथ यह पर्व मनाया जाने लगा। पर्यावरण संस्थान में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले फ्रेशर छात्रों के ऊपर आयोजन की मुख्यतः जिम्मेदारी होती है और बाकी सीनियर छात्र सहायता और मार्ग दर्शन करते हैं। जेएनयू में इस पर्व की खास बात यह है की छात्र एवं विशेषतया छात्राएं विभिन्न भारतीय प्रधानों को पहनने के लिए तैयारी करते हैं और पारंपरिक परिधानों में और चंदन तिलक के साथ बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ सम्मिलित होते हैं।

पर्यावरण संस्थान को देखते हुए इस बार पहली बार जेएनयू के साबरमती छात्रावास द्वारा भी सरस्वती पूजा का भव्य अयोजन किया गया । आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर जगह जेएनयू में जगह जगह ध्वजारोहण का आयोजन रहा उसके बार पर्यावरण संस्थान में सरस्वती पूजा हवन प्रसाद वितरण रहा, फिर मध्यान्ह में साबरमती हॉस्टल द्वारा सरस्वती हॉस्टल में वसंत पंचमी का आयोजन हुआ। इस तरह पूरा दिन पारंपरिक परिधानों में चंदन एवं तिलक धारण किया छात्रों की चहल पहल देखने लायक थी। आज जेएनयू गणतंत्र दिवस के देशभक्ति पूर्ण माहौल और वसंत पंचमी के आध्यात्मिक माहौल में दिखा।

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