दिल्ली के बच्चों का पसंदीदा खेल
दिल्ली के बच्चों के पसंदीदा खेल की यह तीसरी कड़ी है। इसमें हम आपको सुरंग लाल घोड़ी, चम्मो रानी और सात समंदर खेल के बारे में बताएंगे। सुरंग लाल घोड़ी या बिट्टी बहुत पसंद किया गया खेल हैं। इसमें बच्चों की दो टोलियां बन जाती थीं और सबसे बड़ा लड़का टोली का सरदार होता था। दोनों सरदार साथ-साथ खड़े हो जाते थे और दो लड़के एक-दूसरे के गले में बांहें डाले उनके सामने आकर कहते थे—-
अड़ंग बड़ंग में पड़ी जंजीर
कोई ले तुक्का कोई ले तीर
तीर की बेटी हरी कमान
कोई ले बुड्ढा कोई ले जवान
यह लड़कों की टोली में जाने का तरीका था। सरदार जो मांगता और जिस लड़के का वह ‘नाम’ होता, वह उसकी तरफ चला जाता और दूसरा दूसरे सरदार की तरफ। जब दोनों टोलियां बन जातीं तो एक सरदार अपना जूता हवा में उछालता। अगर जूता सीधा पड़ता तो उसकी टोली सवार बनती और अगर उल्टा पड़ता तो दूसरी टोली सवार बनती। जो बच्चे घोड़ियां बनते वे एक दायरे में खड़े होकर और आगे की ओर झुककर घोड़ियां बन जाते और उन पर सवार चढ़ जाते। फिर एक सवार उतरकर एक ही सांस में यह कहता हुआ चक्कर लगाता-
सुरंग लाल घोड़ी
तू मुझसे क्यों न बोली
सुरंग लाल पटके
तुम हमसे क्यों न चटके
या
बिट्टी बिट्टी सरेश्ता
फूल पान बेचता
अगर किसी सवार का चक्कर काटते हुए सांस टूट जाता तो सारी घोड़ियां धम्म से सवारियों को नीचे गिरा देतीं और अब वे सवार घोड़ियां बनते और घोड़ियां उन पर सवार हो जातीं। यह एक ईरानी खेल था और वहां इसे ‘कुरंग’ कहते थे। मगर मुगल शहंशाह अकबर ने इसका नाम बदलकर ‘सुरंग’ कर दिया था क्योंकि हिन्दी में ‘कु’ का अर्थ बुरा होता है और ‘सु’ अच्छी बातों और चीजों के लिए इस्तेमाल होता है जैसे कुपुत्र और सुपुत्र।
चम्मो रानी और सात समंदर
चम्मो रानी और सात समंदर के खेल में भी बच्चों का बड़ा जी लगता था। इसे लड़कियां और लड़के दोनों शौक से खेलते थे। इस खेल में जमीन पर ढेले से या कोयले से (अगर फर्श पक्का है) लकीरें खींचकर सात खाने या घर बना लेते थे। ये घर चौकोर होते थे और तिकोने भी इन घरों के नाम जिन्हें समंदर भी कहा जाता था, इस तरह होते थे-पहल, पूज, तीज, धम्मो, काना, पै और मटक। एक खिलाड़ी इसके पहले खाने में पत्थर या ठीकरी का गिट्टा डालता है जिसे ‘चीवा’ भी कहते थे और फिर उचककर उस खाने में जाकर एक टांग से खड़े होकर गिट्टे को पैर मारकर दूसरे खाने में पहुंचाता है। अगर गिट्टा खाने के बाहर चला गया या किसी लकीर पर पड़ गया तो खिलाड़ी हार जाएगा।