बीजेपी विधायक ने कहा, बहुत जल्द विधानसभा में पेश किया जाएगा प्रस्ताव

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।  

Delhi: दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार बनने के बाद राजधानी में गांवों और स्थानों के नाम बदलने की प्रक्रिया एक बार फिर चर्चा में आ गई है। हाल ही में दिल्ली के आर. के. पुरम विधानसभा क्षेत्र के विधायक अनिल शर्मा ने घोषणा की है कि उनके क्षेत्र में स्थित मोहम्मद पुर गांव का नाम बदलकर माधवपुरम किया जाएगा। यह प्रस्ताव लंबे समय से लंबित था, जिसे अब गति दी जा रही है।

27 साल बाद दिल्ली में बीजेपी की सत्ता

दिल्ली में 27 वर्षों के बाद बीजेपी की सरकार बनी है, जिससे पार्टी को राजधानी में अपने विचारों और नीतियों को लागू करने का अवसर मिला है। इससे पहले, दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार थी, जिसके दौरान इस नाम परिवर्तन प्रस्ताव को अमलीजामा नहीं पहनाया गया। अनिल शर्मा ने आरोप लगाया कि AAP सरकार ने इस प्रस्ताव को दबाए रखा और अब बीजेपी सरकार बनने के बाद इसे पुनर्जीवित किया जा रहा है।

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यूपी समेत अन्य राज्यों में बदले गए नाम

यह कोई पहली बार नहीं है जब बीजेपी सरकार ने किसी स्थान का नाम बदलना चाहती है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और अन्य राज्यों में भी बीजेपी सरकारों ने कई स्थानों के नाम बदले हैं। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या किया था। इसके अलावा, मुगलसराय रेलवे स्टेशन को दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया था। मध्य प्रदेश में भी कई स्थानों के नाम बदले गए हैं, जैसे कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रेलवे स्टेशन किया गया।

नाम बदलने की राजनीति

बीजेपी का कहना है कि यह नाम परिवर्तन स्थानीय जनता की मांग के अनुसार किया जाता है और इससे भारतीय संस्कृति और इतिहास को सम्मान मिलता है। वहीं, विपक्षी दल इसे ध्रुवीकरण की राजनीति बताते हैं और इसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने का प्रयास करार देते हैं।

क्या है आगे की प्रक्रिया?

अनिल शर्मा के अनुसार, मोहम्मद पुर गांव का नाम बदलकर माधवपुरम करने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष के सामने रखा जाएगा। यदि इसे स्वीकृति मिलती है, तो यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद आधिकारिक तौर पर गांव का नाम बदल जाएगा। दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के बाद यह पहला बड़ा नाम परिवर्तन होगा, जिससे यह संकेत मिलता है कि बीजेपी अपनी विचारधारा के अनुरूप राजधानी में भी नामकरण की नीति को आगे बढ़ाएगी। अब देखना होगा कि इस प्रस्ताव को कितनी जल्दी मंजूरी मिलती है और क्या यह नाम परिवर्तन आगे चलकर अन्य स्थानों के लिए भी एक मिसाल बनता है।

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