shark tank india cograd

शार्क जज रितेश ने दी दिलचस्प प्रतिक्रिया!

दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।

Shark Tank India: शार्क टैंक इंडिया सीजन 4 में एक अनोखा स्टार्टअप आया, जिसने न सिर्फ शार्क्स का ध्यान आकर्षित किया, बल्कि अपनी कहानी और बिजनेस मॉडल से सभी को हैरान कर दिया। यह स्टार्टअप है “कोग्रेड” (Cograd), जो स्कूलों के ओयो जैसा काम करता है।

इस स्टार्टअप की शुरुआत 2021 में उत्तर प्रदेश के इटावा के रहने वाले सौरभ और उनके साथी ने की थी। आज इस स्टार्टअप ने 3-शार्क डील हासिल की और दुनिया के सामने अपनी सफलता की कहानी प्रस्तुत की है।

कोग्रेड का बिजनेस मॉडल

कोग्रेड का मिशन उन स्कूलों को जीवन देना है, जो या तो बंद हो चुके हैं या फिर अच्छा प्रबंधन नहीं होने के कारण जूझ रहे हैं। इस स्टार्टअप का बिजनेस मॉडल उन पुराने और बंद हो चुके स्कूलों को रेंट पर लेकर उन्हें फिर से एक मॉडर्न और प्रभावशाली शिक्षा संस्थान में बदलने पर आधारित है। कोग्रेड हर बच्चे से महज 500 रुपये फीस लेता है और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है। वर्तमान में कोग्रेड के पास 5 अपने स्कूल हैं और 10 स्कूलों को वे सपोर्ट करते हैं, जिससे करीब 8000 बच्चों को शिक्षा मिल रही है।

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MedhaAI: टीचर्स की मदद करने वाला प्लेटफॉर्म

कोग्रेड ने एक और बेहतरीन पहल की है, और वह है “MedhaAI”। यह एक प्लेटफॉर्म है, जो टीचर्स को लेसन प्लान और असाइनमेंट बनाने जैसे कामों में मदद करता है। इसके जरिए टीचर्स का समय बचता है, जिससे वे बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, कोग्रेड अपने शिक्षकों को प्रशिक्षित भी करता है, ताकि वे बच्चों को उच्च स्तर की शिक्षा दे सकें।

गांव के बच्चों के लिए परिवर्तन

कोग्रेड का उद्देश्य सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं है, बल्कि यह समाज में बदलाव लाना है। फाउंडर्स का कहना है कि आज के समय में करीब 14 करोड़ बच्चे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन इन बच्चों को अक्सर ट्रेंड टीचर्स और आधुनिक सुविधाओं का अभाव रहता है। यही कारण है कि बहुत से स्कूल बंद हो जाते हैं, लेकिन कोग्रेड ने इन्हीं बंद स्कूलों को एक नई दिशा दी है और बच्चों को एक नई आशा दिखाई है।

शार्क टैंक इंडिया में कोग्रेड की एंट्री

जब कोग्रेड ने शार्क टैंक इंडिया के मंच पर कदम रखा, तो उन्होंने अपनी अनोखी बिजनेस आइडिया से शार्क्स को प्रभावित किया। फाउंडर्स ने बताया कि उनका लक्ष्य अगले 10 सालों में 1000 स्कूलों तक पहुंचने का है। साथ ही, वे “MedhaAI” को 25% स्कूलों तक पहुंचाने का भी लक्ष्य रखते हैं।

विनीता सिंह को यह देखकर हैरानी हुई कि उनके स्कूलों में 60% लड़कियां हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। रितेश अग्रवाल, जो OYO के संस्थापक हैं, उन्होंने भी कहा कि वह भी छोटे स्कूलों को बड़े बनाने का काम करते हैं, जैसे वह छोटे होटलों को बड़ा बनाने की कोशिश करते हैं। इस पर फाउंडर्स ने कहा, “हम स्कूलों के ओयो हैं।”

फाउंडर्स को मिली बड़ी सफलता

कोग्रेड के फाउंडर्स ने अपने स्टार्टअप के लिए 2% इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये की फंडिंग मांगी थी। हालांकि, अनुपम और कुणाल ने इस डील से बाहर रहकर अपनी प्रतिक्रिया दी। फिर विनीता सिंह ने 10% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये और 3 साल के लिए 10% दर पर 50 लाख रुपये का ऑफर दिया।

वहीं रितेश और नमिता ने मिलकर 5% के बदले 50 लाख रुपये और 3 साल के लिए 9% ब्याज पर 50 लाख रुपये का ऑफर दिया। अंत में, तीनों शार्क्स ने 6% इक्विटी के बदले 50 लाख रुपये का निवेश और 3 साल के लिए 9% ब्याज पर 50 लाख रुपये का कर्ज दिया।

कोग्रेड का भविष्य

कोग्रेड ने 2021-22 में 27 लाख रुपये की कमाई की थी, और 2022-23 में उनकी कमाई बढ़कर 1.92 करोड़ रुपये हो गई। इस साल उनकी पहली छमाही में 1.67 करोड़ रुपये की कमाई हो चुकी है और उनका लक्ष्य पूरे साल में 10 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल करना है।

इस अनोखे स्टार्टअप ने न केवल शार्क टैंक इंडिया में अपनी जगह बनाई, बल्कि एक नया विचार प्रस्तुत किया, जो शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव ला सकता है। आने वाले समय में यह स्टार्टअप और भी ज्यादा बच्चों के भविष्य को रोशन कर सकता है और शिक्षा प्रणाली में सुधार ला सकता है।

कोग्रेड ने न केवल शार्क टैंक इंडिया के मंच पर अपनी सफलता का परचम लहराया, बल्कि एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया कि शिक्षा का सही तरीके से प्रसार किया जाए, तो लाखों बच्चों की जिंदगी बदल सकती है। यह स्टार्टअप भविष्य में शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति ला सकता है।

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