दिल्ली विश्वविद्यालय ने निराश्रित बच्चों को लेकर एक बड़ा निर्णय लिया है। डीयू ऐसे बच्चों को स्नातक और स्नातकोत्तर में अलग से कोटा उपलब्ध कराएगा। शुक्रवार को हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई। डीयू का यह फैसला बाकि विश्वविद्यालयों के लिए एक उदाहरण है। उन्हेें भी अपने यहां इस तरह की सुविधाएं शुरू करनी चाहिए।
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) अधिकारियों ने बताया कि अगले शैक्षणिक वर्ष से सभी स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अनाथ छात्रों के लिए अतिरिक्त कोटा बनाएगा। इसके तहत दो-दो सीट उपलब्ध कराएगा। उन्होंने बताया कि इस श्रेणी के छात्रों को शुल्क नहीं जमा करना होगा। शुक्रवार को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक के दौरान सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित किया गया।
कार्यकारी परिषद के एक सदस्य ने बताया कि एक अधिकारी ने कहा कि कार्यकारी परिषद ने अगले शैक्षणिक वर्ष से विश्वविद्यालय में उपलब्ध कराए जाने वाले प्रत्येक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में अनाथ बच्चों को प्रवेश देने के संबंध में प्रस्ताव का किसी भी सदस्य ने विरोध नहीं किया। सभी ने इसे समाज के लिए हितकारी कहा।
प्रवेश पाने वाले ऐसे छात्रों को हर प्रकार के शुल्क के भुगतान से छूट दी जाएगी। जिसमें छात्रावास शुल्क, परीक्षा शुल्क और अन्य अनिवार्य शुल्क के भुगतान से छूट शामिल होगी। ऐसे छात्रों के प्रवेश और पढ़ाई का खर्च विश्वविद्यालय कल्याण निधि या महाविद्यालय छात्र कल्याण कोष से उपलब्ध कराया जाएगा।