वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को अंतरिम बजट पेश किया। चूंकि यह अंतरिम बजट था इसलिए लोकलुभावन योजनाओं की घोषणा नहीं की गई। सत्ता पक्ष ने जहां बजट की सराहना की वहीं विपक्ष ने बजट को छलावा बताया। हालांकि, बजट पर प्रतिक्रिया देते समय कांग्रेस के एक सांसद ने ऐसी बात कह दी कि सियासी बवंडर उठ खड़ा हुआ। बेंगलुरु ग्रामीण के लोकसभा सांसद डीके सुरेश ने बर्ताव नहीं बदलने पर देश के दक्षिणी राज्यों द्वारा एक अलग देश की मांग उठाने की बात कह डाली।
कांग्रेस सांसद ने केंद्र सरकार पर दक्षिण भारतीय राज्यों को फंड जारी नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार दक्षिण भारतीय राज्यों को जीएसटी और प्रत्यक्ष करों का उचित हिस्सा नहीं दे रही है। दक्षिण भारतीय राज्यों के साथ अन्याय हो रहा है। दक्षिण भारतीय राज्यों से एकत्रित पैसा उत्तर भारतीय राज्यों को दिया जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम एक दिन अलग देश की मांग करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
बकौल डीके सुरेश केंद्र हमसे चार लाख करोड़ रुपये से अधिक लेती है बदले में हमें जो मिल रहा है वह न के बराबर है। हमें इस पर सवाल उठाना ही होगा। अगर इसे ठीक नहीं किया गया, तो हमें आवाज उठानी होगी। इस मामले में सियासी तुफान उठता देख डीके सुरेश के भाई और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने हालात संभालने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि उनके भाई यानी कांग्रेस सांसद दक्षिण भारत का दर्द बयां कर रहे थे। बकौल शिवकुमार पूरा देश एक है। आप केवल हिंदी बेल्ट को नहीं देख सकते। एक संतुलन बनाया जाना चाहिए।
वहीं भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने डीके सुरेश पर देश को बांटने के लिए चाल चलने का आरोप लगाया। सूर्या ने एक्स पर किए पोस्ट में लिखा कि ‘कांग्रेस पार्टी का इतिहास फूट डालो और राज करो का रहा है। सांसद अब फिर से चाल चल रहे हैं। वे उत्तर और दक्षिण को विभाजित करना चाहते हैं।
इस मुद्दे पर उठा सियासी संग्राम फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस सांसद डी.के. सुरेश के ‘..अलग देश की मांग करने के लिए मजबूर’ बयान पर कहा, कि यह (एक सांसद के रूप में) उनकी शपथ का उल्लंघन है…मैं आपसे निवेदन करता हूं कि मामला आचार समिति को भेजा जाए… कांग्रेस को कार्रवाई करनी चाहिए। अगर वे कार्रवाई नहीं करेंगे तो देश मान लेगा कि आप भी देश को ‘टुकड़े-टुकड़े’ करने में शामिल हैं… मैं सोनिया गांधी से माफी मांगने और कार्रवाई की मांग करता हूं…”