दिल्ली विश्विद्यालय में चल रही नियुक्तियों में कार्यरत तदर्थ शिक्षकों के विस्थापन पर दिल्ली विश्विद्यालय शिक्षक संघ ने तीखा विरोध जताते हुए आर्ट्स फैकल्टी गेट से कुलपति ऑफिस तक विरोध मार्च किया। विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में शिक्षकों ने हिस्सेदारी की। इस अवसर पर शिक्षकों को संबोधित करते हुए दिल्ली विश्विद्यालय शिक्षक संघ अध्यक्ष प्रो अजय कुमार भागी ने कहा कि कार्यरत तदर्थ शिक्षकों का विस्थापन अमानवीय तरीके से किया जा रहा है जिसे डूटा बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने बताया कि विस्थापित शिक्षकों को अविलंब स्थायी करने के अवसर प्रशासन को उपलब्ध कराने के साथ कॉलेजों और विश्वविद्यालय के विभागों में खाली जगह पर तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया जाना चाहिए। प्रो भागी ने केंद्र सरकार से इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाने की अपील की।

डूटा अध्यक्ष प्रो भागी ने हाल में कक्षा, ट्यूटोरियल और प्रैक्टिकल कार्य के आकार की संख्या बढ़ाने और शिक्षकों के द्वारा 40 घंटे संस्था में बिताने की अधिसूचना पर आपत्ति जताई और कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन बिना अकादमिक समुदाय को विश्वास में लिए मनमाने तरीके से निर्णय ले रहा है।

प्रो भागी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को इस निर्णय को तुरन्त वापस लेना चाहिए। गौरतलब है कि दिल्ली विश्विद्दालय में बड़ी संख्या में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के शिक्षक कार्यरत हैं लेकिन अभी तक केंद्र सरकार ने इस वर्ग के शिक्षक वर्ग के पदों को संस्तुत करने और जारी करने की मांग की।प्रो भागी ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के आरक्षण को लागु करने के कारण उत्पन्न हुए, शिक्षकों के पदों को जारी कराने के लिए विश्विद्यालय प्रशासन को हस्तक्षेप करना चाहिए।

दिल्ली विश्विविद्यालय शिक्षक संघ सचिव डा सुरेन्द्र सिंह ने कहा विश्विविद्यालय प्रशासन को सभी मामलों में तुरन्त संज्ञान लेना चाहिए। अगर इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो डूटा आने वाले दिनों में आन्दोलन को और तीव्र करेगा।

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