तिल भर की जगह नहीं। वाहनों पर रिक्शे, ठेलों की लंबी कतारें। कहीं कोई दूसरे से आगे निकलने के लिए मिन्नतें कर रहा है तो कहीं कोई आंख दिखा रहा है। कुछ तो वाहनों की उम्मीद छोड़ पैदल ही आगे का सफर तय करने में जुट जाते हैं। लेकिन इस ठहराव के बीच एक दुकान पर चहलकदमी कुछ और ही कहानी बयां करती है। ये दुकान है जेआरसी की। नाम भले ही आधुनिक लग रहा हो लेकिन इसके पीछे की कहानी संघर्ष, प्यार और भाईचारे के रिश्ते को मजबूत करने वाली है। तभी तो जाम के झाम में घंटो जूझने के बावजूद लोग यहां आते हैं। दुकान पर सुबह से लेकर रात तक ग्राहकों का तांता इसकी लोकप्रियता की कहानी बयां करता है।

यूं शुरू हुआ सफर

दुकान कर्मचारी कहते हैं कि यह जगत राम के मेहनत, सपनों की नींव पर खड़ी है। जगत राम आजादी के पहले खारीबावली में ही काम करते थे। वो रोज खारी बावली जाते एवं काम करते थे। एक दिन उन्होंने अपने भाई के लिए दुकान खोलने की इच्छा जताई। काफी सोच विचार के बाद पंसारी की दुकान खोलने का निर्णय लिया गया। और त्रिनगर में पंसारी की दुकान खुली। उस समय दुकान बहुत ज्यादा बड़ी नहीं थी। धीरे धीरे इलाके में लोग पहचानने लगे। बाद के वर्षों में तो दिल्ली ही नहीं देश के कोने कोने से लोग औषधियों की खरीद के लिए यहां आते हैं।

बाजार का नाम

तोता राम ने औषधियों से दुकान शुरू की थी। कर्मचारी कहते हैं कि उन दिनों दिल्ली में इतनी दुकानें नही होती थी, सुविधाएं भी बहुत ज्यादा नहीं थी। यहां दुकान पर हर तरह के दर्द की दवा मिलती थी। कई ऐसी अौषधियां थी जो दर्द के मर्ज का अचूक इलाज थी। यही वजह थी कि लोगों का दिन भर आना जाना लगा रहता था। दुकान की सफलता का ही असर था कि लोग तोता राम की दुकान का पता पूछते थे। बाद में यह नाम इस कदर प्रचलित हुआ कि दुकान के नाम पर ही बाजार का नाम रख दिया गया। हालांकि अब पूरी दिल्ली में यह ब्रांड बन गया है। दुकान जेआरसी के नाम से प्रसिद्ध है। पूछने पर पता चला कि तोता राम की दुकान के ठीक बगल में भाइए ही हट्टी थी। यह दुकान मावा, मिठाई के लिए बहुत ही प्रसिद्ध थी। इनके भतीजे आगे चलकर बालीवुड में गुलशन ग्रोवर के नाम से रुपहले पर्दे पर छा गए। गुलशन ग्रोवर का भी जेआरसी से गहरा लगाव है।

100 से ज्यादा तरह की औषधि

दुकान यूं ही नहीं लोगों की पसंदीदा है। इसके पीछे यहां औषधियों एवं मसालों की विविधता है। औषधियों की बात करें तो यहां सनफ्लावर सीड, तरबूजा बीज, पंपकीन सीड, फ्लैक्स सीड, चिया, हरद, शिलाजीत, अनारदाना, जावित्री, जायफल, जम्मू का अदरक, अश्वगंधा, काली जीरी, मेथी दाना और अजवाइन आदि मिलते हैं। मसालों की बात करें तो पिंडी चना मसाला, शाही पनीर मसाला, बिरयानी मसाला लेने लोग दूर दूर से आते हैं। कसूरी मेथी, वाइट पेपर पावडर, दाल चीनी पावडर समेत ड्राई फ्रूटस भी यहां मिलते हैँ। दुकान पर ही फरीदाबाद से आए अमित ने बताया कि भीड़ के चलते वो सुबह सुबह ही दुकान पर आ गए। आधा घंटा खुलने का इंतजार भी किया। क्यों कि यहां जो औषधी मिल जाती है वो कहीं किसी और पंसारी की दुकान पर नहीं मिलती है।

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दुकान- जेआरसी

स्थल- तोता राम बाजार, त्रिनगर।

समय-सुबह दस बजे से रात नौ बजे तक।

नजदीकी मेट्रो-कन्हैया नगर।

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