नई दिल्ली, Holika Dahan 2023 Date Time Shubh Muhurat Puja Vidhi: हिंदू सनातन धर्म में होली के त्योहार का विशेष महत्व है। रंग बिरंगे रंगों की होली के एक दिन पहले होलिका जलाई जाती है। लेकिन अबकी बार होलिका दहन को लेकर संशय बना हुआ है। कारण कि इस साल होलिका दहन दो दिन होने की बात कही जा रही है। दरअसल, इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ रही है। प्रदोष काल, पूर्णिमा और भद्रा को ध्यान में रखते हुए ही होलिका जलाई जाती है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे होलिका दहन की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि। #Happyholi
होलिका दहन 2023 कब है(Holika Dahan 2023 Date)
हिंदू पंचांग के मुताबिक, पूर्णिमा तिथि दो दिन होने के कारण होलिका दहन की तिथि को लेकर काफी समस्या उत्पन्न हो गई है। आपने भी सुना होगा कि कहीं 6 को तो कहीं 7 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा।
आइए आपको बताते हैं कि होलिका दहन की तिथि निश्चित कैसे होती है। मुहूर्त का निर्धारण तीन चीजों को ध्यान में रखकर किया जाता है। पहला पूर्णिमा तिथि दूसरा प्रदोष काल और तीसरा भद्रा न हो। ऐसा किंचित ही होता है कि होलिका दहन इन तीनों चीजों के साथ होने पर हो। पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन का होना अतिआवश्यक बताया गया है। पूर्णिमा के रहते हुए पुच्छ काल में यानी भद्रा के आखिरी समय में होलिका दहन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
होलिका दहन 6 और 7 मार्च के बीच रात 12 बजकर 40 मिनट से 2 बजे तक करना बहुत शुभ होगा। क्योंकि 7 मार्च को पूर्णिमा तिथि शाम 6 बजकर 10 मिनट तक ही है। लेकिन कई जगहों पर 7 मार्च को भी होलिका दहन किया जा रहा है।
होलिका दहन 2023 शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2023 Muhurat)
फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि आरंभ- 06 मार्च, सोमवार को शाम 04 बजकर 17 मिनट से आरंभ
फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि का समापन- 7 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर
भद्रा- 6 मार्च को शाम 04 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर 7 मार्च को भद्रा सुबह 5 बजकर 15 मिनट तक
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त- 07 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
बन रहे हैं दुर्लभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार आज गुरु और शनि खुद की राशि में और शुक्र उच्च स्थिति पर विराजमान है। साथ ही केदार, हंस, मालव्य, चतुष्चक्र और महाभाग्य नाम जैसे बड़े योग भी बन रहे हैं, जो कई सालों के बाद बने हैं।
पूजन का सही समय
होली की पूजा पूर्णिमा तिथि के दिन सूर्यास्त के समय करने का विधान है। पंचांग के अनुसार इस साल 6 मार्च की शाम पूर्णिमा तिथि के साथ गोधूलि बेला भी है। इसलिए शाम 6 बजकर 24 मिनट से 6 बजकर 48 के बीच होलिका पूजन करना शुभ होगा।
होलिका दहन का महत्व
होलिका दहन का पौराणिक और धार्मिक महत्व है। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत को प्रदर्शित करती है। इस दिन होलिका दहन की विधिवत पूजा करते हैं और अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।
होलिका दहन 2023 पूजा विधि (Holika Dahan 2023 Puja Vidhi)
होलिका की पूजा से पहले भगवान नरसिंह और प्रहलाद का ध्यान जरूर करना चाहिए। इसके बाद होलिका में फूल, माला, अक्षत, चंदन, साबुत हल्दी, गुलाल, पांच तरह के अनाज, गेहूं की बालियां आदि चढ़ाना चाहिए। साथ ही भोग लगाएं। फिर कच्चा सूत लपेटते हुए होलिका के चारों ओर परिवार के साथ मिलकर परिक्रमा करें। ततपश्चात होलिका में जल का अर्घ्य दें और सुख-समृद्धि की कामना करें। सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में होलिका दहन करें। होलिका दहन के समय अग्नि में कंडे, उबटन, गेहूं की बाली, गन्ना, चावल आदि अर्पित करें। इसके साथ ही होलिका दहन के अगले दिन होलिका दहन की राख माथे में लगाने के साथ पूरे शरीर में लगाएं। ऐसा करने से व्यक्ति को हर तरह के रोग-दोष से छुटकारा मिलेगा।
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