मुंबई के दो युवाओं की सफलता की कहानी
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
मुंबई के प्रशांत और मंगेश ने पत्रकारिता में अच्छा करियर होने के बावजूद अपनी नौकरी छोड़कर बिजनेस करने का फैसला किया। लॉकडाउन के दौरान उन्होंने महसूस किया कि बाजार में शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण आटे की मांग बढ़ रही है। इस जरूरत को पूरा करने के लिए उन्होंने ‘शुद्धमय’ आटा मिल की शुरुआत की।
आज उनका बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है, और वे सालाना 16 लाख रुपये तक की कमाई कर रहे हैं। उनकी यह यात्रा उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने करियर में बदलाव लाकर कुछ बड़ा करना चाहते हैं।
लेटेस्ट वेब स्टोरीज
पत्रकारिता से बिजनेस की ओर: एक साहसी कदम
मंगेश एक मीडिया कंपनी में पत्रकार के रूप में कार्यरत थे और उन्हें 35,000 रुपये मासिक वेतन मिलता था। हालांकि, लंबे समय से वे खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते थे। प्रशांत भी बिजनेस में रुचि रखते थे और दोनों ने मिलकर एक योजना बनाई।
लॉकडाउन के दौरान उन्होंने देखा कि लोगों को घर तक शुद्ध आटा पहुंचाने में दिक्कत हो रही थी। इसी समस्या को हल करने के लिए उन्होंने आटा मिल शुरू करने का निर्णय लिया।
कैसे हुई ‘शुद्धमय’ की शुरुआत?
प्रशांत और मंगेश ने अपने बचत के पैसे से आटा मिल स्थापित की। शुरुआत में उन्होंने छोटे स्तर पर गेहूं और चावल का आटा बेचना शुरू किया। धीरे-धीरे उन्होंने ग्राहकों की मांग को समझा और विभिन्न प्रकार के आटे उपलब्ध कराए, जैसे:
घावने का आटा
कोंबडी वड़े का आटा
मल्टीग्रेन 7.4 आटा
आज ‘शुद्धमय’ एक सफल ब्रांड बन चुका है, जो मुंबई के कांदिवली में स्थित है।
बिजनेस मॉडल और ग्राहकों की सुविधा
‘शुद्धमय’ अपने ग्राहकों को शुद्ध और उच्च गुणवत्ता वाला आटा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अपने बिजनेस मॉडल को कुछ खास तरीकों से विकसित किया:
🔹 घर-घर मुफ्त डिलीवरी – 3 किमी के दायरे में 5 किलो या उससे अधिक आटे की फ्री होम डिलीवरी।
🔹 उच्च गुणवत्ता – बिना किसी मिलावट के ताजा आटा उपलब्ध कराना।
🔹 ग्राहक संतुष्टि – ग्राहकों की जरूरतों के अनुसार आटे के प्रकार और पैकेजिंग को एडजस्ट करना।
आज उनका आटा लोकल मार्केट में बहुत लोकप्रिय हो चुका है, और ग्राहक उनकी सर्विस से बेहद संतुष्ट हैं।
कैसे बढ़ी कमाई?
मंगेश और प्रशांत के अनुसार, शुरू में बिजनेस में कई चुनौतियां आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। कड़ी मेहनत, सही रणनीति और मार्केटिंग के दम पर उनकी बिक्री में लगातार वृद्धि होती रही।
पहले महीने में मात्र 50,000 रुपये की बिक्री हुई।
6 महीने के भीतर यह आंकड़ा 2 लाख रुपये महीना तक पहुंच गया।
अब सालाना कमाई 15-16 लाख रुपये तक हो रही है।
वे बताते हैं कि ग्राहकों की पसंद और भरोसे ने ही उनके बिजनेस को इस मुकाम तक पहुंचाया है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
प्रशांत और मंगेश की सफलता उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो नौकरी से हटकर खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं।
सिखने योग्य बातें:
- सही समय पर सही अवसर को पहचानें।
- मेहनत और धैर्य से बिजनेस को बढ़ाया जा सकता है।
- ग्राहकों की जरूरत को समझकर ही सफलता पाई जा सकती है।
अगर आप भी बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो ‘शुद्धमय’ की यह कहानी आपके लिए एक बेहतरीन उदाहरण हो सकती है!
लेटेस्ट न्यूज
- Samsung Galaxy S25 Edge review: शानदार डिजाइन, दमदार कैमरा, पर क्या ये ‘हीटिंग’ और ‘नो-टेलीफोटो’ के साथ बनेगा आपकी पहली पसंद?
- Nothing Phone 3: एप्पल को टक्कर देने आ गया नथिंग फोन 3, कीमत से फीचर्स तक, यहां है पूरी डीटेल!
- Poco F7 5G के फीचर्स जान लीजिए, 7550mAh की दमदार बैटरी और 90W फास्ट चार्जिंग
- OPPO Reno 14 Series: 50MP कैमरा, OIS सपोर्ट जीत लेंगे दिल, जानिए फीचर्स
- Samsung Galaxy M36 5G: आ गया धांसू AI फीचर्स वाला स्मार्टफोन, ₹17,999 से शुरू! जानें सबकुछ