14 अक्टूबर से लागू नई EV नीति — अब बाहरी राज्यों के ईवी खरीदारों को नहीं मिलेगी टैक्स राहत
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Up News: उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है — अब सिर्फ उन्हीं इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को सब्सिडी मिलेगी जो UP में बने या असेंबल किए गए हों।
14 अक्टूबर से लागू हो रही नई नीति में कहा गया है कि बाहरी राज्यों में बने EVs पर सब्सिडी, रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क की छूट नहीं दी जाएगी।
क्यों बदली नीति?
राज्य सरकार का उद्देश्य है “Make in UP” को बढ़ावा देना।
इस फैसले से लोकल मैन्युफैक्चरिंग और इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट को बूस्ट मिलेगा।
UP पहले ही कई EV ब्रांड्स जैसे OLA Electric, Hero MotoCorp और Greaves Cotton को आमंत्रित कर चुका है।
युवाओं के लिए क्या मायने?
अगर आप EV खरीदने की सोच रहे हैं और सब्सिडी का फायदा चाहते हैं, तो ध्यान रखें —
अब सिर्फ वही मॉडल चुनें जो “Made in UP” हों।
इस नीति से EV की शुरुआती कीमत पर असर पड़ेगा, क्योंकि बाहर के ब्रांड्स अब बिना सब्सिडी महंगे पड़ेंगे।
हालांकि, यह फैसला लोकल रोजगार और स्टार्टअप्स के लिए सुनहरा मौका माना जा रहा है।

EV इंडस्ट्री पर असर
इस कदम से EV कंपनियां UP में असेंबली प्लांट लगाने पर विचार करेंगी।
राज्य सरकार को उम्मीद है कि इससे हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा और EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी तेज़ी से बढ़ेगा।
EV मार्केट में यह पॉलिसी देशभर में चर्चा का विषय बन गई है क्योंकि यह पहली बार है जब किसी राज्य ने “स्थानीय उत्पादन आधारित सब्सिडी” लागू की है।
चुनौतियां और विवाद
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे राज्य के बाहर के ब्रांड्स की प्रतिस्पर्धा घटेगी।
कई उपभोक्ताओं को दिक्कत होगी क्योंकि उनके पसंदीदा ब्रांड्स UP में नहीं बनते।
फिर भी, सरकार का फोकस साफ है — “स्थानीय उत्पादन, स्थानीय अवसर।”
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