नो-निकोटीन ब्रीदिंग डिवाइस और गमीज़ से QuitSure बनाना चाहता है स्मोकिंग फ्री इंडिया, लेकिन Shark Tank India में शार्क्स ने उठाए सवाल
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
Shark Tank India Season 4 के एक एपिसोड में एक अनोखा हेल्थकेयर स्टार्टअप Quit C के रिप्रजेंटेटिव आए। जिसे देखकर दर्शक भी हैरान थे। यह कंपनी स्मोकिंग छोड़ने की चाह रखने वालों के लिए एक नया और इनोवेटिव समाधान लेकर आयी।
स्टार्टअप के फाउंडर जीवन और डॉ. विनोद प्रकाश ने एक ऐसा प्रोडक्ट पेश किया जो ना तो निकोटीन आधारित है और ना ही मेडिकल दवा—बल्कि एक फ्लेवरड ब्रीदिंग डिवाइस है जो लोगों को धीरे-धीरे धूम्रपान की आदत से बाहर निकालने में मदद करता है।
Quit C का आइडिया कहां से आया?
जीवन, जो खुद कभी सिगरेट के आदी थे, ने अपनी स्मोकिंग छोड़ने की प्रक्रिया में महसूस किया कि बाजार में मौजूद निकोटीन रिप्लेसमेंट प्रोडक्ट्स या तो असरदार नहीं होते या फिर वे खुद भी एक नई लत बना देते हैं।
वहीं डॉ. विनोद, एक मेडिकल एक्सपर्ट और न्यूरोसाइंस बैकग्राउंड से, इस व्यवहार परिवर्तन को लेकर कई सालों से काम कर रहे हैं।
इन दोनों ने मिलकर Quit C नामक प्रोडक्ट डिवेलप किया — एक ऐसा ब्रेथिंग डिवाइस जो सिगरेट के अनुभव जैसा एहसास देता है, लेकिन उसमें निकोटीन या हानिकारक पदार्थ नहीं होते।
Quit C क्या है और कैसे काम करता है?
Quit C के दो मुख्य प्रोडक्ट हैं:
- Flow – फ्लेवरड ब्रेथिंग डिवाइस
- दिखने में यह एक सिगरेट जैसा है लेकिन इसमें निकोटीन नहीं होता।
- इसे यूज़ करने पर व्यक्ति को सिगरेट की तरह हैंड-टू-माउथ मूवमेंट और गंध का अनुभव होता है, जिससे स्मोकिंग की आदत को धीरे-धीरे कम किया जा सकता है।
- गमीज़
- इनमें विटामिन्स और नैचुरल सप्लीमेंट्स होते हैं जो स्मोकिंग छोड़ते समय होने वाली withdrawal symptoms को कम करने में मदद करते हैं।
इन दोनों प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल QuitSure App के साथ किया जाता है, जो behavioral change, ट्रैकिंग और मोटिवेशनल कंटेंट के साथ यूजर को गाइड करता है।
बिज़नेस का स्केल और आंकड़े
- लॉन्च: हाल ही में
- अब तक 5000+ यूज़र्स
- अक्टूबर 2023 की सेल: ₹33 लाख
- प्राइसिंग: ₹999–₹1500 प्रति किट
- मार्जिन: 70–80% ग्रॉस मार्जिन
- D2C चैनल्स: वेबसाइट और इंस्टाग्राम प्रमुख प्लेटफॉर्म हैं
- रिपीट ऑर्डर रेट: ~20%
Shark Tank India में पिच का सार
मांग: ₹1 करोड़ के बदले 2% इक्विटी
पिच के पॉइंट्स:
- भारत में 10 करोड़ से ज्यादा स्मोकर्स हैं।
- बाजार में निकोटीन गम्स और पैचेस तो हैं, लेकिन उनमें लत पड़ने की संभावना बनी रहती है।
- Quit C फिजिकल आदतों पर काम करता है — यानी हाथ में पकड़ना, मुंह तक ले जाना और सांस खींचने की प्रक्रिया।
- टीम का दावा है कि यह एक science-backed behavior change product है।
शार्क्स की प्रतिक्रिया
- नमिता थापर:
- मेडिकल बैकग्राउंड से होने के कारण नमिता ने इसे “misleading” बताया क्योंकि इसमें कोई evidence-based clinical trial नहीं है।
- उन्होंने कहा कि हेल्थ से जुड़े प्रोडक्ट्स में transparency और भरोसा बेहद जरूरी है।
- अनुपम मित्तल:
- उन्होंने इसे एक दिलचस्प बिहेवियरल सॉल्यूशन माना, लेकिन प्रोडक्ट की लॉन्ग टर्म एफिकेसी को लेकर सवाल उठाया।
- अमन गुप्ता और पीयूष बंसल:
- उन्हें इस आइडिया में संभावनाएं दिखीं लेकिन वे अभी के लिए बाहर हो गए क्योंकि ब्रांड शुरुआती चरण में था और regulatory risk भी मौजूद था।
❌ डील: कोई भी शार्क निवेश के लिए आगे नहीं आया।
क्यों नहीं मिली डील – लेकिन उम्मीद बाकी है
Shark Tank India जैसे मंच पर जहां इनोवेशन की सराहना होती है, वहां Quit C को डील न मिलना हैरान करता है। लेकिन इसका कारण था-
-प्रोडक्ट की वैज्ञानिक विश्वसनीयता पर सवाल
–क्लिनिकल डेटा की अनुपस्थिति
–मेडिकल दावे बिना अध्ययन के करना जोखिमभरा हो सकता है
फिर भी, ब्रांड ने शार्क्स से ब्रांड ट्रस्ट बनाने, कस्टमर एजुकेशन और लीगल क्लैरिटी की दिशा में स्पष्ट सलाह ली।
Quit C का भविष्य: एक हेल्दी भारत की ओर कदम
Quit C की टीम अब क्लिनिकल रिसर्च, मेडिकल पार्टनरशिप और डॉक्टरों के नेटवर्क के ज़रिए अपने प्रोडक्ट्स को और मजबूत बनाने में जुटी है।
वहीं ऐप इंटीग्रेशन, डिजिटल थेरैपी और हेल्थटेक इनोवेशन के ज़रिए यह ब्रांड habit change based health tools की नई कैटेगरी बना सकता है।
Quit C — जब बिज़नेस का उद्देश्य सिर्फ लाभ नहीं, बदलाव भी हो
Quit C सिर्फ एक स्टार्टअप नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन है — जो लाखों लोगों को स्मोकिंग की लत से मुक्त करने का सपना देखता है।
हालांकि Shark Tank India में उन्हें निवेश नहीं मिला, लेकिन उन्होंने सबसे जरूरी चीज़ पाई — जागरूकता और चर्चित मंच पर प्रस्तुतिकरण।
क्या Quit C भारत में हेल्थ टेक का नया नाम बन सकता है? क्या यह वाकई लोगों की जिंदगी बदलने में सफल होगा? अपनी राय नीचे ज़रूर बताएं।
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