फिल्म ‘मर्यादा’ से जुड़े किस्से और पर्दे के पीछे की अनकही कहानियां
सुपरस्टारडम के दौर में राजेश खन्ना और राजकुमार के बीच टकराव की दिलचस्प कहानियां
दी यंगिस्तान, नई दिल्ली।
1969 से 1973 तक का दौर राजेश खन्ना के सुपरस्टारडम का स्वर्णिम काल था। इस दौरान आई फिल्म ‘मर्यादा’ ने दर्शकों के दिलों पर खास छाप छोड़ी। लेकिन पर्दे के पीछे राजकुमार और राजेश खन्ना के बीच टकराव और तीखे संवादों की गूंज भी लंबे समय तक सुनाई दी। राजकुमार की तुनकमिजाजी और हाजिरजवाबी ने इस कहानी को और भी रोचक बना दिया।
राजेश खन्ना का स्वर्णिम दौर
1969 से 1973 का समय राजेश खन्ना के लिए हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में उनके करियर का सबसे सुनहरा समय था। इस दौर में उन्होंने लगातार कई सुपरहिट फिल्में दीं। उसी समय आई फिल्म ‘मर्यादा’, जिसमें उनके साथ माला सिन्हा और राजकुमार जैसे दिग्गज कलाकार थे। फिल्म के गाने और कहानी ने दर्शकों को आकर्षित किया, लेकिन राजेश खन्ना का अभिनय और स्टारडम इसे एक नई ऊंचाई पर ले गया।
‘मर्यादा’ में राजेश खन्ना की भूमिका
फिल्म ‘मर्यादा’ में राजेश खन्ना का किरदार एक सहायक अभिनेता के रूप में शुरू हुआ। फिल्म समीक्षकों ने उन्हें जूनियर कलाकार मानने की भूल की, लेकिन राजेश खन्ना ने अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीत लिया। फिल्म के गाने ‘चुपके से दिल दे दे’, जिसमें माला सिन्हा का ग्लैमरस अंदाज नजर आया, राजेश खन्ना की लोकप्रियता को और बढ़ा गया।
राजकुमार की तुनकमिजाजी और किस्से
राजकुमार का अपने सह-कलाकारों को नीचा दिखाने का अंदाज इंडस्ट्री में काफी मशहूर था। ‘मर्यादा’ के प्रीमियर के दौरान उन्होंने राजेश खन्ना पर तंज कसते हुए कहा, “हमारे फेंके टुकड़े खाकर तो जानी, कुत्ता भी बुलडॉग बन जाता है।” इस बात को लेकर इंडस्ट्री में काफी चर्चा हुई। हालांकि, राजेश खन्ना ने इस टिप्पणी का जवाब न देकर अपनी शालीनता का परिचय दिया।
फिल्म ‘अमर प्रेम’ के लिए राजेश खन्ना का बड़ा फैसला
‘मर्यादा’ के बाद शक्ति सामंत ने राजकुमार को लेकर फिल्म ‘अमर प्रेम’ बनाने की योजना बनाई। लेकिन राजकुमार की भारी भरकम फीस के चलते यह संभव नहीं हो पाया। जब यह बात राजेश खन्ना को पता चली, तो उन्होंने अपनी फीस आधी कर फिल्म में काम करने का प्रस्ताव दिया। फिल्म सुपरहिट रही और इसमें शर्मिला टैगोर और राजेश खन्ना की जोड़ी को दर्शकों ने खूब सराहा।
राजकुमार के किस्से जो छूटते नहीं
राजकुमार के बारे में मशहूर था कि वह बड़े से बड़े कलाकार की खिल्ली उड़ाने में पीछे नहीं रहते थे। 1980 के दशक में भी उनकी तुनकमिजाजी के किस्से सामने आते रहे। एक बार उन्होंने राजेश खन्ना और जितेंद्र जैसे कलाकारों पर तंज कसते हुए कहा, “जानी, काफी जूनियर जमा कर रखे हैं।”