अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन तंजानिया से पर्वतारोही पूर्व सैनिक ने शुरू की थी चढ़ाई

26 जनवरी को राजपथ से देश की राष्ट्रपति जब भारत का तिरंगा फहरा रही होंगी तो उसी दौरान देश से लगभग साढ़े पांच हजार किलोमीटर दूर अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट किलिमंजारो पर प्रभु श्रीराम मंदिर और उत्तर प्रदेश पर्यटन का झंडा शान से लहरा रहा होगा।

देश और उत्तर प्रदेश के लिए गौरव के यह पल लखनऊ निवासी विरेंद्र सिसोदिया के प्रयासों से मिलेंगे। यह अभियान अयोध्या में श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के दिन शुरू हुआ था। सेना से रिटायर्ड और पर्वतारोही विरेंद्र का उद्देश्य लोगों में पर्यटन और बेहतर स्वास्थ्य

पर्यटन पर बहुत कुछ निर्भर है
किलिमंजारो पर चढ़ने के लिए मैंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिन चुना। यह मेरे और देश के लिए सौभाग्य की बात है कि एक शुभ दिन में हमने इसकी शुरूआत की है और इसका समापन भी एक खास दिन को होगा। जब हमारा देश गणतंत्र दिवस मना रहा होगा तब रामलला और उत्तर प्रदेश पर्यटन का झंडा अफ्रीका के सबसे ऊंचे पहाड़ पर लहरा रहा होगा। अभी अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से लाखों लोग प्रतिदिन दर्शन के लिए आ रहे हैं।

इससे न सिर्फ वहां के लोगों को आर्थिक मजबूती मिलेगी बल्कि विश्व पटल उत्तर प्रदेश का एक और स्थान पर्यटन के रूप में विकसित होगा। इसके साथ ही देश और दुनिया को यह संदेश भी देना चाहता हूं कि पर्यटन पर बहुत कुछ निर्भर करता है। देश की अर्थव्यवस्था, हमारा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, वैश्विक खतरों के प्रति चेतना और समाप्त होती वह प्रजातियां जिन्हें छोटे-छोटे प्रयास करके बचाया जा सकता है।

संस्कृति मंत्री ने कहा-
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि हमारा प्रयास उत्तर प्रदेश को विश्व के सबसे अधिक आकर्षित करने वाले पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का हैं। प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी हैं। यह नगरी विश्व की सुंदरतम नगरी के रूप में विकसित हो रही है। हम यहां के पर्यटन स्थलों का समूचे विश्व में प्रचार—प्रसार कर रहे हैं।

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